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92 फीसदी लोगों को पेंशन नहीं

कोलकाता : स्वीडन में अगर कोई व्यक्ति दिवालिया घोषित करता है तो उसके बाद भी उसे कभी रहने, खाने-पीने की किल्लत नहीं होगी, क्योंकि स्वीडन में वहां के सभी नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा बीमा सुविधा है. पर हमारे देश में अब तक इस प्रकार का ना कोई नियम है और ना कोई कानून. भारत […]

कोलकाता : स्वीडन में अगर कोई व्यक्ति दिवालिया घोषित करता है तो उसके बाद भी उसे कभी रहने, खाने-पीने की किल्लत नहीं होगी, क्योंकि स्वीडन में वहां के सभी नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा बीमा सुविधा है. पर हमारे देश में अब तक इस प्रकार का ना कोई नियम है और ना कोई कानून. भारत में तो काम करनेवाले लोगों को भी इस प्रकार की सुविधा नहीं मिलती है. क्योंकि क्रिसिल द्वारा किये गये नये सर्वे के अनुसार, यहां निजी कंपनियों में कार्य करनेवाले सिर्फ आठ फीसदी लोगों को ही पेंशन व बीमा की सुविधा मिलती है बाकि 92 फीसदी लोगों की आमदनी अनिश्चित है और ना ही उनके लिए पेंशन व स्वास्थ्य बीमा की ही सुविधा है. अगर केंद्र सरकार दूरदर्शिता को देखते हुए आर्थिक नीति तैयार करती है तो यहां के युवाओं का इसका फायदा मिलेगा.देश में पेंशन की सुविधा पाने वाले लोग (मिलियन में)वर्ष सरकारी कर्मचारी गैर सरकारी कर्मचारी सुविधा हीन2015 38 मिलियन 4.8 मिलियन 72 मिलियन 2030 68 मिलियन 63 मिलियन 50 मिलियन2050 92 मिलियन 122 मिलियन 93 मिलियन प्रत्येक 100 लोगों में 60 वर्ष के अधिक आयु वाले लोगों की संख्यावर्ष संख्या (% में) 2015 13.9 प्रतिशत2030 19.2 प्रतिशत2050 29.5 प्रतिशत

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