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सउदी लीड शाह दो अंतिम

अमेरिकी राष्ट्रपति ने तुरंत ही अपने एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में अब्दुल्ला को श्रद्धांजलि दी.शाह के निधन के कुछ ही समय बाद ओबामा ने एक लिखित संदेश में कहा : हमारे देशों ने कई चुनौतियों से निपटने में एकसाथ काम किया, ऐसे में मैंने हमेशा शाह अब्दुल्ला की सोच को महत्व दिया और हमारी […]

अमेरिकी राष्ट्रपति ने तुरंत ही अपने एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में अब्दुल्ला को श्रद्धांजलि दी.शाह के निधन के कुछ ही समय बाद ओबामा ने एक लिखित संदेश में कहा : हमारे देशों ने कई चुनौतियों से निपटने में एकसाथ काम किया, ऐसे में मैंने हमेशा शाह अब्दुल्ला की सोच को महत्व दिया और हमारी सच्ची व गहरी मित्रता की सराहना की. हम दोनांे देशों के बीच की साझेदारी में करीबी और मजबूती शाह अब्दुल्ला की विरासत का हिस्सा रही है. पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) द्वारा तेल का उत्पादन घटाने से इनकार करने में सऊदी अरब की प्रमुख भूमिका थी, जबकि तेल की कीमत जून के बाद से आधी रह गयी है. अब्दुल्ला के निधन के बाद दो महत्वपूर्ण वैश्विक कच्चे तेल के अनुबंध आज इस अनिश्चितता के बीच खत्म हो गये कि क्या नये शाह उस नीति को बरकरार रखेंगे या नहीं. सऊदी अरब में इसलाम के पवित्र स्थल मक्का और मदीना भी हैं. अब्दुल्ला की क्षेत्रीय राजनीति पर खास पकड़ थी. इसलामिक आंदोलनों के बढ़ते प्रभाव के बाद और सेना द्वारा मुसलिम ब्रदरहुड के मुहम्मद मुर्सी को सत्ता से हटाये जाने के बाद से सऊदी अरब मिस्र के नेता अब्देल फतह अल-सिसी का कड़ा समर्थक रहा है. सऊदी अरब ने ईरान से समर्थन प्राप्त सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ विपक्ष को सहयोग करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी और अमेरिकी सैनिकों को विद्रोही लड़ाकों को प्रशिक्षण देने के लिए अपनी जमीन इस्तेमाल करने का भी अधिकार दिया था.

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