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सारधा मामले में शीर्ष अदालत जाना तृणमूल की घबराहट का द्योतक

कोलकाता: सारधा घोटाले की जांच के विरुद्ध तृणमूल कांग्रेस के उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर भाजपा ने कहा कि यह ममता बनर्जी की पार्टी की घबराहट को दर्शाता है क्योंकि करोड़ों रुपए के इस घोटाले में कथित रूप से उसके नेता शामिल हैं. पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी सवाल किया है […]

कोलकाता: सारधा घोटाले की जांच के विरुद्ध तृणमूल कांग्रेस के उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर भाजपा ने कहा कि यह ममता बनर्जी की पार्टी की घबराहट को दर्शाता है क्योंकि करोड़ों रुपए के इस घोटाले में कथित रूप से उसके नेता शामिल हैं. पार्टी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी सवाल किया है कि क्या वह पश्चिम बंगाल के अपने उस नेता को बेदखल करेंगी जिसने उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर करके मामले की सीबाआइ जांच की मांग की थी, जिसके बाद जांच का आदेश दिया गया.

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और पश्चिम बंगाल मामलों के प्रभारी सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि तृणमूल का उच्चतम न्यायालय जाना उसका फैसला है और लोकतंत्र में अदालत जाने का सबको अधिकार है. हम इस अधिकार का सम्मान करते हैं. हालांकि यह दर्शाता है कि तृणमूल नेतृत्व सारधा जांच से घबराया हुआ है. इसमें उसके नेताओं की भूमिका का परदाफाश हो रहा है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दो याचिका दाखिल कर यह मांग की है कि सारधा चिट फंड घोटाले की जांच शीर्ष अदालत की निगरानी में करायी जाय. इसकी जांच अभी सीबीआइ कर रही है. इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि सीबीआइ तृणमूल नेताओं को निशाना बना रही है और केंद्र इस जांच एजेंसी को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. उच्चतम न्यायालय में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया है कि सीबीआइ महत्वपूर्ण सूचनाओं को राज्य सरकार के पास पहुंचने से पहले ही दूसरों को लीक कर रही है.

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