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कोल इंडिया में नयी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर

कोलकाता: सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड के नये प्रमुख एस भट्टाचार्य ने देश में 220 साल पुराने कोयला खनन कारोबार के आधुनिकीकरण की इच्छा जताते हुए आधुनिकी प्रौद्योगिकी की मदद से उत्पादकता बढ़ाने की ‘भावी कार्यनीति’ का कार्यक्रम बनाया है. श्री भट्टाचार्य ने पिछले सप्ताह ही कोल इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक का […]

कोलकाता: सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड के नये प्रमुख एस भट्टाचार्य ने देश में 220 साल पुराने कोयला खनन कारोबार के आधुनिकीकरण की इच्छा जताते हुए आधुनिकी प्रौद्योगिकी की मदद से उत्पादकता बढ़ाने की ‘भावी कार्यनीति’ का कार्यक्रम बनाया है.

श्री भट्टाचार्य ने पिछले सप्ताह ही कोल इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक का पद संभाला है. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य कोयला उत्पादन सुधारने व अपने ग्राहकों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने की दोहरी प्राथमिकता से काम करना होगा. उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए हमारी कार्यनीतियों में प्रौद्योगिकी उन्नयन के जरिये उत्पादकता में सुधार शामिल होगा. इसके लिए ओपनकास्ट या खुली खदानों में अधिक क्षमतावाले उपकरण काम में लिये जायेंगे.

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इसी तरह भूमिगत खानों में भी मैन राइडिंग प्रणालियां, टेली मॉनिटरिंग प्रौद्योगिकी काम में ली जायेंगी. इसी तरह कंपनी उपकरणों व कलपुर्जो की ई टेंडर के जरिये खरीद करेगी. सेवाओं व काम के भी ई टेंडर जारी किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि इससे अंतत: लक्ष्यों को कर्मठता से हासिल किया जा सकेगा. सरकार ने कोल इंडिया का सालाना उत्पादन 2019 तक बढ़ाकर एक अरब टन करने की योजना की घोषणा की है, ताकि इसकी बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाना तथा लाभप्रदता में सुधार उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी.हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2019-20 तक 92.5 करोड़ टन का कोयला उत्पादन लक्ष्य हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा.

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