सुबह उनके घर से थोड़ी दूर एक पेड़ से उनका लटकता शव मिला. परिवारवालों का कहना है कि बिजली विभाग से बीते एक साल में एक लाख 46 हजार 577 रुपये के बिल भेजे हैं. साथ ही बिजली विभाग ने नीरेन तंत्र पर बिजली चोरी का आरोप लगा कर थाने में एक शिकायत भी दर्ज करायी थी. झूठे आरोप व मानसिक दबाव सहन नही कर पाने के कारण नीरेन तंत्र ने आत्महत्या कर ली. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. पहाड़पुर के निकट बालापाड़ा में 31डी राष्ट्रीय राजमार्ग के पास उनकी एक चाय की दुकान थी.
दुकान के पीछे उनका घर भी है. पहले वह अपने घर से बिजली का कनेक्शन लेकर दुकान में बिजली का उपयोग करते थे. बाद में बिजली विभाग की नजर के बाद उन्होंने दुकान में अलग से बिजली का कनेक्शन लिया. नीरेन तंत्र के बेटे आपन तंत्र ने बताया कि जब घर से दुकान में बिजली की आपूर्ति थी, तब तक के सारे बिल चुका दिये गये थे. इसके बाद एक साल तक उन्हें बिजली का कोई बिल नहीं आया. दुकान में सिर्फ दो बल्ब जलते हैं. दिसंबर महीने में बिजली विभाग की ओर से बुलावा आया था. बिजली विभाग ने उनके हाथों 23.12.2013 से 23.12.2014 तारीख तक कुल एक लाख 46 हजार 577 रुपये बिजली का बिल थमा दिया.
साथ ही यह भी आरोप लगाय गया कि नीरेन तंत्र ने बिजली चोरी की है. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. बिल नहीं भुगतान करने पर कानून के तहत सजा भी मिलेगी. इसके बाद से ही नीरेन तंत्र मानसिक रूप से टूट पड़े और आज आत्महत्या का रास्ता अपना लिया. पुलिस ने उनके शव को अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. दूसरी ओर, बिजली विभाग के इस आचरण से स्थानीय लोगों में नाराजगी व्याप्त है. बिजली विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक गोविंद तालुकदार ने पूरे मामले की जांच का आश्वासन दिया. इधर, पुलिस भी मामले की जांच में जुट गयी है.