फाइल फोटो लगायेकोलकाता. हनुमानजी असंभव को संभव बनाते है. रावण सीताजी का हरण कर अशोक वाटिका ले गया. इसकी जानकारी संपाति को थी. लेकिन भगवान श्रीराम को हनुमानजी सबसे प्रिय थे इसलिए उन्होंने हनुमानजी को सीता जी के खोज के लिए भेजा. नागरिक स्वास्थ्य संघ की ओर से आयोजित संस्था के पूर्व प्रधान मंत्री स्व. मोहनलाल दुजारी की स्मृति में आयोजित पांच दिवसीय हनुमंत कथा में आज संतश्री मुरलीधरजी महाराज (जोधपुर) ने कहा कि संपाति गिद्ध थे. गिद्ध की दृष्टि तेज होती है. जटायु उनके भाई थे. रावण ने जटायु का पंख काट दिया था. इसलिए वह बेहोश होकरसमुद्र के किनारे पडे़ हुए थे. जब भगवान जंगल की ओर बढ़े तो उनके स्पर्श से वे जीवित हो उठे, क्योंकि भगवान को पता था कि वह मेरा भक्त है. भगवान कभी भी अपने भक्तों को नहीं भुलते हंै. हनुमानजी बलवान तो हैं ही साथ ही तेजस्वी भी हैं. तुलसीदास जी ने रामायण में कहा है कि हनुमानजी में अपार शक्ति है. आज मुख्य यजमान विमल- अनिता दीवान ने मानस व व्यास पीठ का पूजन किया. संचालन संयोजक महावीर प्रसाद रावत ने किया.
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असंभव को संभव बनाते है हनुमानजी: मुरलीधरजी
फाइल फोटो लगायेकोलकाता. हनुमानजी असंभव को संभव बनाते है. रावण सीताजी का हरण कर अशोक वाटिका ले गया. इसकी जानकारी संपाति को थी. लेकिन भगवान श्रीराम को हनुमानजी सबसे प्रिय थे इसलिए उन्होंने हनुमानजी को सीता जी के खोज के लिए भेजा. नागरिक स्वास्थ्य संघ की ओर से आयोजित संस्था के पूर्व प्रधान मंत्री स्व. […]
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