हुगली: डनलप कारखाने के दौरे पर गयी संसदीय स्थायी वाणिज्यिक कमेटी में शामिल तृणमूल सांसद सुल्तान अहमद ने बताया कि डनलप के श्रमिकों का मालिक से विश्वास उठ चुका है. प्रबंधन ने कारखाना चलाने के लिए केंद्र से 570 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन मजदूर यूनियन इसके खिलाफ है.
विश्व में जहां एक ओर टायर की मांग बढ़ी है, वहीं प्रसिद्ध यह डनलप कारखाना बंद है. यह दुखद है. कारखाना जल्द खुले, इसकी कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय कमेटी ने प्रबंधन के अधिकारियों व तीन यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है. इस बैठक में सीटू के सैकत शो, इंटक के अनादि दास गुप्ता व तृणमूल ट्रेड यूनियन के विद्युत राउत शामिल थे.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में पवन रूईया ने इस कारखाने को खरीदा था. 25 सितंबर, 2014 को श्रम मंत्री मलय घटक की उपस्थिति में कारखाने को खोला गया, लेकिन तब से यहां कोई उत्पादन नहीं हुआ है और न ही यहां के श्रमिकों को वेतन मिल रहा है. केंद्रीय स्टैंडिंग कमेटी के पहुंचने के पहले तृणमूल ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ता पोस्टर लेकर कारखाने के बाहर खड़े दिखे, जिसमें लिखा था कि कारखाने को केंद्र सरकार अधिग्रहण करे.