कोलकाता: चेक की नकल कर एक एड एजेंसी के बैंक अकाउंट से 15 लाख रुपये निकालने के मामले में अब तक पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. घटना के दो दिन बाद लालबाजार के बैंकफ्रॉड विभाग ने मामले की जांच शुरू की.
पुलिस का कहना है कि जो चेक एजेंसी के पास मौजूद है, उसकी मदद से कैसे रुपये निकाल लिये गये. यही सवाल परेशानी बनी हुई है. बैंक के किसी कर्मचारी के इस मामले में जुड़े होने का शक पुलिस को है. इस मामले से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ हो रही है.
क्या कहती है पुलिस
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद से हेयर स्ट्रीट थाने के साथ-साथ लालबाजार के बैंक फ्रॉड विभाग की टीम ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है. मामले में जिस अकाउंट में रुपये ट्रांसफर हुए और जिसने चेक क्लियर किया, सभी से पूछताछ हो रही है. जल्द ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
फंड वापस नहीं होने से एजेंसी को समस्या
अचानक करेंट अकाउंट से 15 लाख रुपये निकल जाने के कारण एजेंसी को काफी दिक्कत हो रही है. उनके अधिकारी बताते हैं कि आम तौर पर कोई भी बड़े ट्रांजैक्शन के समय बैंक के तरफ से कंपनी को फोन कर इसकी सूचना दी जाती है, इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. इसकी शिकायत बैंक व थाने दोनों जगहों में दर्ज करायी गयी, लेकिन बैंक की तरफ से इस राशि नहीं लौटायी गयी. बैंक की गलती होने के बावजूद इसका अंजाम उन्हें भुगतना पड़ रहा है.
इधर, बैंक के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की शिकायत मिलने के बाद तत्काल इसकी अंदरूनी जांच शुरू कर दी गयी है. जल्द इस परेशानी का हल निकाल लिया जायेगा.
क्या है मामला
डलहौसी इलाके में स्थित एक एड एजेंसी के करेंट अकाउंट से नकली चेक से 15 लाख रुपये निकाल लिये गये. 30 दिसंबर को कंपनी के अधिकारी संजीव दास के मोबाइल में मैसेज आने पर इसकी जानकारी मिली. बैंक से संपर्क करने पर उनके अकाउंट से 15 लाख रुपये किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के अकाउंट में चेक के जरिये ट्रांसफर किये जाने का पता चला. कंपनी के अधिकारी ने तुरंत चेकबुक की जांच की. जिस चेक से रुपये ट्रांसफर किये गये थे, उस नंबर का चेक उनके पास सुरक्षित मिला. बैंक के वरिष्ठ अधिकारी भी यह जानकर स्तब्ध थे. इसके बाद एजेंसी के अधिकारी ने बैंक व हेयर स्ट्रीट थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी.