फोटो है हावड़ा. जब-जब धरती पर पाप बढ़ा है, तब-तब भगवान ने धरती पर अवतार लिया है. रावण का वध करने राम के रूप में तो कंस का वध करने कृष्ण के रूप में भगवान अवतरित हुए हैं. यह उद््गार सोमवार को बंगेश्वर महादेव(नया मंदिर) में वृंदावन से पधारे श्री ताराचंदजी शास्त्री ने आज श्रीमद््भागवत भक्ति ज्ञान यज्ञ के आज चौथे दिन प्रवचन करते हुए व्यक्त किये. आज कथा प्रसंग के अनुसार गजेंद्र मोक्ष, समुद्र मंथन, अहिल्या उद्धार, वामन अवतार पर सारगर्भित प्रवचन करते हुए पं. शास्त्री ने कहा कि ईश्वर की कृपा सब पर असीम बरस रही है. जरूरत है तो ईश्वर पर दृढ़ श्रद्धा और विश्वास की. उन्होंने कहा कि भगवान भाव के भूखे होते हैं, अगर आपके भाव प्रबल हैं तो भगवान अवश्य आते हंै. जिनके अनेकों उदाहरण हमारे सामने हैं. राम ने शबरी के बेर खाए, श्याम ने करमा बाई का खिचड़ा खाया, कृष्ण नरसी के लिए मायरा भरने आये. इन सबसे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है. अभिप्राय एक ही है प्रेम से पुकारो तो प्रभु दौड़े चले आयेंगे. कथा यजमान किशन लाल चौमाल ने कथा प्रसंग के अनुसार वामन भगवान का पूजन किया व कृष्ण अवतार पर बधाइयां दीं. कथा के मध्य भजनों ने श्रद्धालुओं को मंत्र मुग्ध कर दिया.
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प्रेम से पुकारो, दौड़े आयेंगे भगवान: पं. ताराचंद शास्त्री
फोटो है हावड़ा. जब-जब धरती पर पाप बढ़ा है, तब-तब भगवान ने धरती पर अवतार लिया है. रावण का वध करने राम के रूप में तो कंस का वध करने कृष्ण के रूप में भगवान अवतरित हुए हैं. यह उद््गार सोमवार को बंगेश्वर महादेव(नया मंदिर) में वृंदावन से पधारे श्री ताराचंदजी शास्त्री ने आज श्रीमद््भागवत […]
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