नयी दिल्ली: महानगर की एक अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष की 14 साल पहले हत्या के चश्मदीद गवाह के पिता की हत्या करने के जुर्म में एक 36 वर्षीय व्यक्ति को शेष जीवन के लिए जेल की सजा सुनाई.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने पहले से ही 30 साल की कैद की सजा भुगत रहे जितेन्दर उर्फ कल्ले को सजाए उम्रकैद बामुशक्कत सुनाई और यह साफ कर दिया कि वह जिंदगी भर जेल में रहेगा. उन्होंने कहा कि मुजरिम की यह सजा उसकी पहली सजा पूरी होने के बाद शुरु होगी.
न्यायाधीश ने तब कहा था, ‘‘मेरी राय है कि इस मामले को हत्या के अन्य मामलों की तरह समान तल पर नहीं रखा जा सकता. यह भी सही है कि हरेक मामले में सजा समुदाय को संदेश देती है.’’