कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेतृत्ववाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार के राज्य में विकासमूलक काम किये जाने के दावों का कोई आधार नहीं है. कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के करीब 90 प्रतिशत युवकों को रोजगार देने की बात झूठी है. यह आरोप माकपा से निष्कासित नेता व बीएनपी के अध्यक्ष अब्दुल रज्जाक मोल्ला ने लगाया है.
शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने बताया कि छह पार्टियों को मिला कर एक फ्रंट तैयार किया गया है जिसका नाम गनो फ्रंट रखा गया है. आगामी 24 दिसंबर को रानी रासमणि रोड में आयोजित जनसभा के दौरान इस फ्रंट के निर्माण की आधिकारिक रूप से घोषणा की जायेगी. फ्रंट में बीएनपी, जेडीयू, डब्ल्यूपीआइ, एसडीपीआइ, डब्ल्यूबीजीएम और आरपीआइ (अंबेडकर) पार्टियां शामिल हैं.
मोल्ला ने आरोप लगाया कि मौजूदा राज्य सरकार की भूमिका काफी उदासीन है. विकासमूलक कार्य थम गये हैं. किसानों की स्थिति दयनीय है. आरोप के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को प्रलोभन देकर कर राजनीति की जा रही है. राज्य में राजनीतिक हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं. इन तमाम मुद्दों को लेकर फ्रंट विरोध करेगा.