कोलकाता. एक छोटे से कंपनी के रुप में शुरू हुई सारधा की विभिन्न कंपनियां देखते ही देखते लगभग तीन हजार करोड़ से ज्यादा की मालकिन बन गयी. वर्ष 2013 के अप्रैल तक इस कंपनी ने तीन करोड़ रुपये से ज्यादा निवेशकों से बटोर लिया और धीरे-धीरे अपने पांव समेटने लगी. देश की अन्य चिटंड कंपनियों की तरह सारधा की तरफ भी केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित हुआ और इन कंपनियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द या तो ये कंपनियां निवेशकों के रुपये लौटाये. या फिर इनके खिलाफ कार्रवाई हो. इसके बाद से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (इडी) ने इस कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की. वहीं इसी तरह दूसरे मामले की जांच में इडी ने सारधा से ज्यादा बड़ा घोटाला रोज वैली को करार दिया है. इडी के मुताबिक यह घोटाला लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का है.
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लगभग तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है सारधा घोटाला
कोलकाता. एक छोटे से कंपनी के रुप में शुरू हुई सारधा की विभिन्न कंपनियां देखते ही देखते लगभग तीन हजार करोड़ से ज्यादा की मालकिन बन गयी. वर्ष 2013 के अप्रैल तक इस कंपनी ने तीन करोड़ रुपये से ज्यादा निवेशकों से बटोर लिया और धीरे-धीरे अपने पांव समेटने लगी. देश की अन्य चिटंड कंपनियों […]
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