कोलकाता: गरियाहाट रोड़ स्थित आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपिक अस्पताल में अत्याधुनिक पद्धति से एक वृद्ध के प्रोस्टेट से 222 ग्राम का बड़ा स्टोन (पथरी) को सजर्री के माध्यम से निकाला गया है. मरीज की 100 वाट होलिप मशीन के जरिये सजर्री की गयी है. सजर्री के बाद से मरीज की हालत बेहतर बतायी गयी है. मरीज का नाम गौरांग सुंदर पात्र (68) है. श्री पात्र रिटायर इंजीनियर रह चुके हैं. यह जानकारी आरजी स्टोन यूरोलॉजी एंड लेप्रोस्कोपिक अस्पताल के सलाहकार डॉ अमिताभ मुखर्जी ने दी.
बुधवार को महानगर के एक पांच सितारा होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान डॉ मुखर्जी ने बताया कि कुछ महीनों से श्री पात्र को पेशाब करने में परेशानी हो रही थी. इसके इलाज के वह कई बार अन्य चिकित्सकों से मिल चुके थे. हर बार डॉक्टर उन्हें ओपेन सजर्री की सलाह देते. इसके लिए श्री पात्र तैयार नहीं थे.
फिर उन्होंने आरजी स्टोन के चिकित्सकों से संपर्क किया. इसके बाद उक्त अस्पताल में श्री पात्र के सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड व सीइसीटी टेस्ट किये गये. इस दौरान चिकित्सकों ने श्री पात्र के प्रोस्टेट में स्टोन पाया. चूंकि स्टोन सामान्य आकार से बहुत बड़ा था, लिहाजा डॉक्टर जोखिम नहीं उठाना चाहते थे. चिकित्सकों ने 100 वाट होलिप मशीन के सहारे श्री पात्र की सजर्री की, जो सफल रही. सजर्री के 48 घंटे के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. डॉ मुखर्जी का दावा है मरीज को दुनिया की नवीनतम तकनीक से सजर्री की गयी.
ओपेन सजर्री की सीमाएं
डॉ मुखर्जी के अनुसार प्रोस्टेट विकार के मामलों में ओपेन सजर्री की जगह उक्त सजर्री का उपयोग ज्यादा फायदेमंद होता है. ओपेन सजर्री के बाद दुबारा सजर्री करवाने की नौबत आ सकती है. साथ ही ओपेन सजर्री में मरीज के शरीर से काफी रक्त भी बह जाता है. इसलिए मरीज को रक्त चढ़ाना पड़ सकता है. इससे मरीज काफी कमजोर हो जाता है.