कोलकाता. संसद के शीतकालीन सत्र में अगर माइंस व मिनिरल्स एक्ट में संशोधन हो जाता है तो मार्च 2015 से कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने माइंस एंड मिनिरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (एमएमडीआर) एक्ट, 1957 में संशोधन करने का फैसला किया है और इस संशोधन को संसद के वर्तमान सत्र में अनुमति मिलने की उम्मीद है. यह जानकारी बुधवार को खदान मंत्रालय के सचिव अनूप कुमार पुजारी ने दी. उन्होंने बताया कि मार्च 2015 के पहले की संशोधित माइंस एक्ट को मंजूरी मिल जायेगी और मंजूरी मिलते ही कोयला ब्लॉकों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. केंद्र सरकार माइनिंग सेक्टर में पिछले उत्साह को फिर से वापस लाना चाहती है और इसके लिए मंत्रालय ने विभिन्न लोगों व कंपनियों को अपने सुझाव भी देने को कहा है. आगामी 10 दिसंबर तक सभी औद्योगिक चेंबरों को इस संबंध में ऑनलाइन पर ही सुझाव पेश करने को कहा गया है. उन्होंेने कहा कि फिलहाल के एमएमडीआर एक्ट में सभी खनिजों को एक साथ रखा गया है और इसमें केंद्र व राज्य सरकार के लिए अलग-अलग प्रोसेड्योर व गाइड लाइन है. लेकिन अब इस एक्ट को बांटा जा रहा है, इसमें दो श्रेणियों को जोड़ा जा रहा है. पहला नोटिफाइड कैटेगरी व दूसरा नन- नोटिफाइड कैटेगरी. इसके साथ ही आवंटन की तकनीक में भी सुधार किया जा रहा है.
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मार्च 2015 से शुरू होगी कोयला ब्लॉकों की निलामी
कोलकाता. संसद के शीतकालीन सत्र में अगर माइंस व मिनिरल्स एक्ट में संशोधन हो जाता है तो मार्च 2015 से कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने माइंस एंड मिनिरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (एमएमडीआर) एक्ट, 1957 में संशोधन करने का फैसला किया है […]
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