कोलकाता. प्रख्यात रचनाकार डॉ काजीनाथ झा ‘किरण’ की जयंती (1 दिसंबर) पर मिथिला विकास परिषद की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी की अध्यक्षता शैल झा ने किया. रवींद्र सरणी स्थित मिथिला सभागार में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत चर्चित गायक व हास्य-व्यंगक गोपीकांत झा की कविताओं से हुआ. इस दौरान रंगकर्मी विनय प्रतिहस्त ने डॉ कांजीनाथ झा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें विरल रचनाकार बताया. राधवेंद्र झा ने डॉ कांजीनाथ झा के नाटक एवं एकांकी पर आलेख पाठ किया. कार्यक्रम के संयोजक अरुण झा, गौरी मिश्र और पवन ठाकुर ने उनके साहित्य और जीवन संघर्ष सहित उनके छात्र जीवन पर भी प्रकाश डाला. कार्यक्रम के अंत में विनोद झा और मदन चौधरी ने डॉ कांजीनाथ झा की बहुचर्चित कविता ‘ बताह कवि भांग पीवि स्वागत बसंत के गाबि रहल ‘ का स्वर पाठ किया. इस दौरान विष्णुदेव मिश्र, रूपा चौधरी, रघुनाथ झा, रमेश झा, शेखर वर्मा, विमल झा, गणेश झा, संतोष मंडल, बिल्टू पासवान, विनोद राउत, मो. असलम, मो. रिजाउद्दीन ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
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डॉ कांजीनाथ झा के जन्म दिवस पर संगोष्ठी
कोलकाता. प्रख्यात रचनाकार डॉ काजीनाथ झा ‘किरण’ की जयंती (1 दिसंबर) पर मिथिला विकास परिषद की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी की अध्यक्षता शैल झा ने किया. रवींद्र सरणी स्थित मिथिला सभागार में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत चर्चित गायक व हास्य-व्यंगक गोपीकांत झा की कविताओं से हुआ. इस दौरान रंगकर्मी विनय […]
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