कोलकाता: मानसून की तेज बारिश ने रविवार को जल जमाव से निपटने की कोलकाता नगर निगम की तैयारी की पोल खोल दी. सीवरेज व्यवस्था में सुधार कर जिन इलाकों में पानी जमा न होने की उम्मीद जतायी गयी थी, वहां शनिवार रात से शुरू हुई बारिश ने सुबह लबालब पानी भर दिया. घुटने भर पानी जमा हो गया. अम्हस्र्ट स्ट्रीट में तो लोग नौका चलाते नजर आये.
जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 2006-07 में 508 करोड़ रुपये से कोलकाता महानगर में सीवरेज सिस्टम में सुधार की परियोजना शुरू हुई. नगर निगम के इंजीनियरों का मानना है कि कोलकाता में सीवर व्यवस्था पुरानी होने की वजह से भारी बारिश में भूमिगत नाले से पानी तेजी से नहीं निकल पाता. फिक्स्ड ग्लास रीइंफोर्सड पॉलीमर (जीआरपी) तकनीक से जल निवासी व्यवस्था में सुधार की पहल की गयी है.
पहले चरण में शहर के निचले इलाकों में काम शुरू हुआ. आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रोड, एजेसी बोस रोड, कोलू स्ट्रीट, लेनिन सरणी, कैनिंग स्ट्रीट, बीडन स्ट्रीट और नीमतल्ला घाट स्ट्रीट में काम लगभग पूरा हो गया है. लेकिन रविवार को जलजमाव से निजात नहीं मिली. यही नहीं, परियोजना से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञों ने सदर स्ट्रीट, फ्री स्कूल स्ट्रीट, मिंटो पार्क क्रोसिंग, रवींद्र सदन व बागबाजार बाटा के पास जमा पानी तुरंत निकल जाने की उम्मीद जतायी थी. पर, स्थिति जस की तस दिखी. बड़ाबाजार, एमजी रोड, सेंट्रल एवेन्यू, गिरीश पार्क, जोड़ासांको, अम्हस्र्ट स्ट्रीट, विधान सरणी, कॉलेज स्ट्रीट और बालीगंज इलाके में एक जैसी दशा रही.