कोलकाता: एनआरएस कांड में नया मोड़ आ गया है. अब जांच जूनियर डॉक्टरों की बजाय मजदूरों से ज्यादा पूछताछ की जा रही है. सोमवार को राजनैतिक दलों द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग पर सड़क पर आंदोलन कर इंटाली थाने के समक्ष घेराव व अवरोध भी किया गया.
समर्थकों का आरोप था कि सोमवार को होमेसाइड विभाग के अधिकारियों द्वारा रह-रहकर मजदूरों से पूछताछ की जा रही थी. जिससे इस मामले की गति को मोड़ने की पुलिस की कोशिश साफ स्पष्ट हो रही है. वहीं पूर्व वन मंत्री कांति गांगुली के नेतृत्व में आंदोलन कर रहे समर्थकों का आरोप है कि इस मामले की जांच को मोड़ने की कोशिश अब शुरू हो गयी है. जिसके कारण असली दोषी बच कर सुकून की जिंदगी गुजारेंगे, जबकि बेगुनाहों को इस मामले का बलि चढ़ा दिया जायेगा.
पुलिस की इसी रणनीति को रोकने के लिए एपीडीआर की तरफ से अदालत में रिट आवेदन भी किया गया है.
दूसरी तरफ इंटाली थाने को जांच में मदद कर रहे लालबाजार के अधिकारी बताते है, कि पूछताछ के सिलसिले में लालबाजार के होमेसाइड विभाग की टीम ने घटना के समय हॉस्टल में मौजूद जूनियर डॉक्टरों से पूछताछ की गयी थी. कई बार कुछ डॉक्टरों के अलावा वहां के मजदूरों को लालबाजार लाकर उससे पूछताछ की गयी.
लेकिन इस मामले में कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा. लिहाजा पुलिस इस मामले में शामिल गुनाहगारों को सामने लाने की कोशिश कर रही है. समय आने पर यह छवि साफ स्पष्ट होगी. इस मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष से पूछने पर उन्होंने अदालत में मामला विचाराधीन होने के कारण कुछ भी कहने से इनकार किया. उनका कहना है कि पुलिस अपने जांच की गति को जारी रखी है. असली आरोपी जल्द सबके सामने होंगे.