कोलकाता: एक वयस्क महिला को धोखे में रह कर उससे 65 हजार रुपये ठगी के आरोप में लालबाजार के बैंक धोखाधड़ी विभाग की टीम ने एक सरकारी बैंक के क्लर्क समेत तीन युवकों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम अभिरूप सरकार (45) है. वह श्यामपुकुर के रहने वाले है. वह सरकारी बैंक में क्लर्क के पद पर कार्यरत है. जबकि दूसरे आरोपी का नाम सैंडी बनर्जी (26) है. वह सॉल्टलेक के रहने वाले है और कॉल सेंटर में कार्यरत है.
गिरफ्तार तीसरे आरोपी का नाम सतीश साव (41) है. वह नारकेलडांगा इलाके के रहने वाला है और बाबूघाट में एक रेस्तरां के कर्मचारी है. पीड़ित महिला का नाम अंजली गुप्ता (70) है. घटना की जानकारी के बाद उन्होंने स्थानीय थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी. जांच के दौरान पुलिस मनी ट्रांसफर कंपनी के अधिकारियों से संपर्क कर मुख्य आरोपी तक पहुंची.
शिकायत में पीड़िता ने पुलिस को बताया कि जर्मनी में उनका बेटा रहता है. प्रत्येक महीने जर्मनी से वह उसे रुपये भेजता रहता है. गत महीने उसके बेटे ने उसे 65 हजार रुपये भेजा था. रुपये निकालने वह जब भी बैंक में गयी तब बैंक क्लर्क ने रुपये विदेश के किसी व्यक्ति द्वारा उठा लिये जाने की बात कह कर लौटा देता था. जिसके बाद पीड़िता ने इसकी शिकायत थाने में दर्ज की. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि भेजने वाले को मनी ट्रांसफर कंपनी रुपये के एवज में 10 अंकों की एक एमटीसीएन कोड देती है.
इस कोड को लेकर वह बैंक में जाकर बैंक अधिकारी से बताते है. जिसे सुनकर उस कोर्ड के एवज में उसके बैंक खाते में रुपये डाल देता है. इस मामले में पीड़ित महिला का एमटीसीएन कोर्ड बैंक का क्लर्क पीड़ित महिला से हासिल कर लिया था. जांच में पुलिस को सतीश साव के नाम का पता चला.जिसके बाद उसे नारकेलडांगा से गिरफ्तार किया गया. उसने सैंडी द्वारा इस कोर्ड को उसे उपलब्ध कराने की बात कही. जिसके बाद साल्टलेक स्थित उसके घर से पुलिस सैंडी को गिरफ्तार किया. पूछताछ में सैंडी ने बताया कि बैंक कर्मी इस कोर्ड को अभिरूप सरकार ने उसे दिया था. जिसके बाद उसने अपने एक अन्य साथी के साथ मिल कर रुपये निकाले. इसके बाद पुलिस ने अभिरूप के गिरफ्तार कर लिया.