इसमें 22 सब इंस्पेक्टर व 17 एएसआइ के अलावा अन्य 41 कांस्टेबल शामिल है. इसके बदले 80 में से सिर्फ दो पुलिस कर्मियों की भरपाई हीं थाना प्रभारियों की सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है. मौजूदा समय में इसके सुलझने के कोई आसार नहीं दिख रहे है.
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थानों से 80 पुलिसकर्मी हटे, भरपाई को मिले सिर्फ दो
कोलकाता: कर्मियों की किल्लत से लगातार जूझ रही कोलकाता पुलिस के कुछ थाना प्रभारियों के सिर पर एक नया संकट मंडराने लगा है. इस संकट का कारण है कोलकाता पुलिस के एडेड इलाकों से 80 पुलिसकर्मियों का राज्य पुलिस में वापस लौट जाना. इसमें 22 सब इंस्पेक्टर व 17 एएसआइ के अलावा अन्य 41 कांस्टेबल […]
कोलकाता: कर्मियों की किल्लत से लगातार जूझ रही कोलकाता पुलिस के कुछ थाना प्रभारियों के सिर पर एक नया संकट मंडराने लगा है. इस संकट का कारण है कोलकाता पुलिस के एडेड इलाकों से 80 पुलिसकर्मियों का राज्य पुलिस में वापस लौट जाना.
क्या है समस्या का मूल कारण
सत्ता में आने के बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर कोलकाता पुलिस के 49 थानों के दायरे को बढ़ा कर 65 थाना किया गया था. इसके बाद उन 65 थानों की सीमा को विभक्त कर 69 थाने बनाये गये. दायरे को बढ़ाने के बाद से महानगर के एडेड इलाके में बने नये 17+4 पुलिस थानों का दायरा व इसमें जरूरत के मुताबिक काफी कम पुलिस कर्मियों की संख्या से वैसे हीं पुलिस कर्मी काफी जूझ रहे थे. अब इन थानों से काफी संख्या में पुलिस कर्मियों का बंगाल पुलिस में चला जाना थानों में जांच की गति को काफी प्रभावित कर सकता है.
गरफा, बांसद्रोनी, हरिदेवपुर व बेहला थाना सबसे ज्यादा है प्रभावित
पुलिस सूत्रों के मुताबिक महानगर में कुल 21 थानों में तीन सौ से ज्यादाबंगाल पुलिस के पुलिस कर्मी कार्यरत थे. समय अंतराल पर अधिकतर पुलिस कर्मियों जैसे एसआइ व कांस्टेबलों को दोबारा राज्य पुलिस में भेज दिया गया था. सरकारी निर्देश के मुताबिक 31 अक्तूबर के पहले सभी पुलिस कर्मियों को राज्य पुलिस में वापस लौटने की बात थी. इसी के तहत महानगर के कुल 21 एडेड थानों में से प्रत्येक थाने में अधिकतम सात व न्यूनतम तीन पुलिस कर्मियों की संख्या में कमी हो गयी है.
क्या कहते है वरिष्ठ अधिकारी
कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) राजीव मिश्र ने बताया कि मौजूदा समय में कोलकाता पुलिस के पास इतने पर्याप्त फोर्स नहीं होने के कारण 80 पुलिस कर्मियों की भरपाई नहीं की गयी. प्राथमिक तौर पर 80 में से सिर्फ दो पुलिस कर्मियों को हीं रिप्लेस किया जा सका है. हाल ही में ज्वायन करने वाले नये पुलिस कर्मियों को इन जगहों पर भेजने की बात चल रही है, लेकिन ट्रेनिंग के बाद प्राथमिक तौर पर थानों में काम करना व घटनास्थल पर स्थिति से निपटने का ज्यादा अनुभव नहीं होने के कारण इन्हें सीधे उन थानों पर भेजने में दिक्कतें आ रही है. जल्द हीं इस समस्या को सुलझा लेने की कोशिश की जा रही है.
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