कोलकाता: राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की सूची में महिला उत्पीड़न के मामलों में बंगाल के शीर्ष पर पहुंचने के विरोध में छात्रएं मुख्यमंत्री को रसगुल्ला खिलाने पहुंची थीं. हालांकि वह सीएम को रसगुल्ला नहीं खिला पायीं, पर गिरफ्तार कर ली गयीं. ये छात्राएं एसयूसीआइ के छात्र संगठन यूनाइटेड स्टूडेंट्स फ्रंट की समर्थक थीं.
संगठन की ओर से महिलाओं के साथ राज्य में बढ़े अपराध व बारासात में छात्र से दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में राइटर्स के सामने प्रदर्शन किया गया. घटना के आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की. पुलिस ने वहां से दो छात्रओं समेत आठ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. हालांकि बाद में छोड़ दिया.
कई जगहों पर निकले जुलूस, हुए प्रदर्शन
वही, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ महानगर में विभिन्न स्थानों पर जुलूस निकाले गये. इनमें राजनीतिक दलों के अलावा शिक्षाकर्मी भी शामिल हुए. दोपहर करीब 12 बजे बेलियाघाटा से राजाबाजार तक एक जुलूस उत्तर कोलकाता कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने निकाला. करीब 15 मिनट तक राजाबाजार रोड पर पथावरोध भी किया गया. दोपहर करीब ढाई बजे बारासात कांड व नदिया कांड के विरोध में कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक वेबकूटा के सदस्यों ने मौन जुलूस निकाला. मुंह पर काला कपड़ा बांध कर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने यह जुलूस निकाला. दोपहर करीब 2.45 बजे कॉलेज स्क्वायर से डीएसओ ने जुलूस निकाला. कॉलेज स्क्वायर में एसयूसीआइ के छात्र संगठन की ओर से पथावरोध भी किया गया. उधर, भाकपा माले की ओर से भी धर्मतला में एक जुलूस निकाला गया.
भाजपा ने तृणमूल को घेरा : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री बारासात में दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंची, लेकिन उन्हें जनता के रोष का सामना करना पड़ा. ऐसे में विरोध करने वाले सभी लोगों को वह अपने खिलाफ षडयंत्रकारी समझ लेती हैं. यदि ऐसा ही चलता रहा तो तृणमूल कांग्रेस के लिए यह खतरे की घंटी है.