कोलकाता: संघीय मोरचा के मुद्दे पर कटाक्ष करते हुए वामपंथी नेताओं ने दावा किया है कि कांग्रेस और भाजपा का विकल्प वाम दलों के बगैर संभव नहीं है. देश में वाम दलों के बगैर राजनीति विकल्प नहीं है. माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी का कहना है कि महज घोषणा मात्र से वैकल्पिक मोरचा नहीं बनाया जा सकता.
ऐसा मोरचा तभी कारगर हो सकता है जब वह वैकल्पिक नीतियों एवं साङो कार्यक्रम के आधार पर बने. वैकल्पिक नीतियां होनी चाहिए जो जनता को राहत प्रदान करे. पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के वैकल्पिक मोरचा के गठन को चुनौतीपूर्ण बताये जाने के बयान के संबंध में येचुरी ने कहा कि यह सही बात है. क्षेत्रीय दल भी वैकल्पिक नीतियों बनाने के लिए अपने समर्थक वर्ग के दबाव में हैं.
वाम दलों के बगैर वैकल्पिक नीतियां नहीं हो सकतीं.
उन्होंने संकेत दिया कि वाम दल कांग्रेस एवं भाजपा विरोधी दलों के संपर्क में है. तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गैर कांग्रेस और गैर भाजपाई संघीय मोरचा की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर माकपा के आला नेता ने कहा कि वामपंथी दल उसे कोई प्रासंगिकता नहीं दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने शरद यादव से बातचीत की थी और जदयू नेता ने वाम दलों की सराहना की थी और कहा था कि यह इस देश का नैतिक विवेक है. इधर भाकपा की ओर से कहा कि भ्रष्टाचार एवं महंगाई से लड़ने के लिए कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर वैकल्पिक मोरचा वाम दलों की पहल के बगैर संभव नहीं है.
भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी ने कहा कि संघीय मोरचा का प्रस्ताव निर्थक है. गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई एवं क्षेत्रीय दलों को साथ लाना एवं लामबंद करना बेमतलब है. इससे देश की जनता के लिए कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक मोरचे की सरकार जो लोगों के लिए अच्छा करे, वाम दलों की पहल के बगैर संभव नहीं होगी.