कोलकाता : राज्य सरकार दो साल से अधिक की अवधि के लिए सब्जियों और दालों के बीज की विभिन्न किस्मों के भंडारण के लिए बीज बैंक की स्थापना की योजना बना रही है. बीज उत्पादन के क्षेत्र में बंगाल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य कृषि विभाग द्वारा शुरू की गयी यह योजना बीज मिशन का एक हिस्सा है.
वर्तमान में राज्य में ऐसे दो बैंक पहले से मौजूद हैं. राज्य में उत्पादित बीज बंगाल की कुल मांग के करीबी 40 फीसदी जरूरत का समाधान करने में सक्षम हैं. इस वजह से बाकी जरूरत को पूरा करने के लिए बंगाल को दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है. आलू के बीज पंजाब से, जूट के बीज आंध्र प्रदेश व कर्नाटक से मंगाना पड़ता है.
बीज मिशन के अंतर्गत सरकार ने अगले पांच वर्षों में राज्य की बीज की मांग का 65 प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य तय किया है. विभाग ने प्रत्येक वर्ष पांच प्रतिशत की दर से बीज उत्पादन बढ़ाने की योजना बनायी है. प्रस्तावित बीज बैंक के लिए स्थान की पहचान की जा चुकी है.
इस संबंध में विभाग जल्द ही एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा. वर्तमान में राज्य में दो बीज बैंक हैं. एक 500 टन की क्षमतावाला बीज बैंक पूर्व मेदिनीपुर में व दूसरा 200 टन की क्षमतावाला कूचबिहार में स्थित है. बीज निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इन बैंकों में बिजली की खपत बहुत अधिक है. ऐसे में खर्च वहन करने में काफी दिक्कत आ रही है, इसलिए इन बैंकों को चलाने के लिए सरकारी मदद हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रस्तावित बीज बैंक की क्षमता इन दो बैंकों से काफी अधिक होगी. सरकारी संस्थाओं के अलावा कुछ प्राइवेट कंपनियां भी बीज का उत्पादन करती हैं. राज्य सरकार इन प्राइवेट कंपनियों को सहायता प्रदान करने पर भी गौर कर रही है.