कोलकाता: दुर्गापूजा के ठीक पहले परिवहन विभाग के कर्मचारियों पर राज्य सरकार की गाज गिरी है. सरकार ने बिना किसी अग्रिम सूचना व नोटिस के कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत की कटौती कर दी है.
आखिर ऐसा क्यों हुआ, इसका भी राज्य सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. गौरतलब है कि सोमवार को कलकत्ता राज्य परिवहन निगम (सीएसटीसी) के सात हजार कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक अकाउंट में जमा हुआ, लेकिन यह राशि पिछले महीने की तुलना से कम थी. कर्मचारियों ने हिसाब करके देखा कि पिछले माह की तुलना में उनका वेतन 25 प्रतिशत कम है. साथ ही परिवहन विभाग की ओर से ड्राइवर व कंडक्टर को ओवर टाइम का पैसा भी नहीं दिया गया है.
राज्य सरकार ने बिना नोटिस के सीएसटीसी के ड्राइवर व कंडक्टर का ओवरटाइम भी बंद कर दिया है. ड्राइवर व कंडक्टर ने ओवरटाइम का फॉर्म जमा किया था, लेकिन उनके इस आवेदन को सरकार ने सिरे से नकारते हुए ओवर टाइम देने से इनकार कर दिया. इस संबंध में सीएसटीसी के सीटू समर्थित कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राजदेव ग्वाला ने बताया कि राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ कर्मचारी आंदोलन करेंगे. पहले तो परिवहन विभाग के कर्मचारियों को सही समय पर वेतन नहीं मिलता था, अब इस प्रकार से वेतन में कटौती से उनको अपना घर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले के विरोध में सीटू के बैनर तले बुधवार को कॉलेज स्क्वॉयर से धर्मतल्ला में रानी रासमणि एवेन्यू तक एक रैली निकाली जायेगी. सीएसटीसी के सभी डिपो में कर्मचारी, ड्राइवर व कंडक्टर मिल कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस तुगलकी फरमान को वह कतई नहीं मानेंगे. क्योंकि राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के पेट पर लात मारी है, इसलिए जब तक सरकार अपने फैसले को वापस नहीं ले लेती है, तब तक वह आंदोलन जारी रखेंगे.