- कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदल कर किया गया डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट – बोले पीएम
- जलसंपदा पर आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने पर किया जा रहा काम
- देश में मौजूद 150 क्रूज को बढ़ा कर 1000 किया जायेगा
कोलकाता : कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) के 150वें वर्ष पूरे होने के कार्यक्रम में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2021 तक गंगा में बड़े जहाजों को चलाया जा सकेगा. इसके लिए नदी की गहराई बढ़ाने का काम किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि जलसंपदा पर आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने पर काम किया जा रहा है. देश में मौजूद 150 क्रूज को बढ़ा कर 1000 किया जायेगा. देश के विभिन्न परिवहन उपायों का समन्वय किया जा रहा है. परिवहन को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है.
श्री मोदी का कहना था कि उत्तर पूर्व को जोड़ने का कार्य देश के इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ में शामिल होगा. कार्यक्रम में अतिथियों की सूची में भले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी नाम था, लेकिन आखिरी वक्त में वह समारोह में शामिल नहीं हुई थीं.
नेताजी इंडोर स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह में 150 वर्ष के केपीटी का नाम बदल कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी भारत के औद्योगिकीकरण की नींव रखने वाले थे. श्री मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि डॉ मुखर्जी और बीआर आंबेडकर के सरकार से हटने के बाद उनके सुझावों पर उतना अमल नहीं हुआ, जितना किया जाना चाहिए था.
प्रधानमंत्री ने मौके पर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट से जुड़ी कई योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें हल्दिया में मेकानाइज्ड बर्थ 3, कौशल विकास केंद्र, प्रीतिलता आवास केंद्र, सीकेएसआर यूनिट शामिल हैं.
केपीटी के 23 हजार पेंशनधारकों व करीब 3500 वेतनभोगियों के वेतन व पेंशन को सुनिश्चित करने के लिए एलआइसी को 501 करोड़ रुपये का चेक दिया गया.
समारोह में प्रधानमंत्री ने केपीटी के दो पूर्व कर्मचारी 105 वर्षीय नगीना चक्रवर्ती और 100 वर्षीय नरेश नंदन चक्रवर्ती को भी सम्मानित किया. कार्यक्रम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ व पोत परिवहन मंत्रालय के केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया भी उपस्थित थे.
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं मुख्यमंत्री
कोलकाता. कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 वर्ष पूरे होने के कार्यक्रम के अतिथियों की सूची में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम शामिल होने के बावजूद वह समारोह में अनुपस्थित रहीं. नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के पहले तक आयोजकों को इसकी जानकारी नहीं मिल सकी थी.
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया था. बड़े परदे पर उन परियोजनाओं के उद्घाटन संबंधी जानकारी दिखायी जा रही थी. उनमें भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम उपस्थिति अतिथियों के तौर पर था. स्पष्ट था कि आयोजकों को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल न होने की जानकारी विलंब से मिली.
इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजभवन में मुलाकात की थी. इसके बाद ही उन्हें विद्यार्थियों के एक गुट की नाराजगी का सामना करना पड़ा था. उनकी इस मुलाकात से नाराज उन विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी भी की थी.
- सुब्रमण्यम स्वामी ने की विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बदलने की मांग
- रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर रखा जाये विक्टोरिया मेमोरियल का नाम
कोलकाता. कोलकाता पोर्ट का नाम बदलने के बाद अब भाजपा ने अब विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बदलने की मांग की है. पार्टी ने कोलकाता के इस प्रतिष्ठित संगमरमर की इमारत का नाम रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर रखने का सुझाव दिया है.
एक ट्वीट में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा : मैं कोलकाता में नमो के इस कथन का स्वागत करता हूं कि इतिहास की समीक्षा की जानी चाहिए. उन्हें अपने इस कथन को विक्टोरिया मेमोरियल का नाम रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर रखकर लागू करना चाहिए.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन शनिवार शाम को कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें कुछ अहम पक्षों को नजरंदाज किया गया. इतिहास का विवरण सत्ता और सिंहासन तक सीमित रह गया.
कोलकाता की चार ऐतिहासिक इमारतों करेंसी बिल्डिंग, बेल्वेडियर हाउस, मेटकॉफ हाउस और विक्टोरिया मेमोरियल हॉल को राष्ट्र को समर्पित करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कही थी. रविवार को प्रधानमंत्री ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट रखने की घोषणा की है. पीएम मोदी के इसी बयान का जिक्र करके सुब्रमण्यम स्वामी ने विक्टोरिया मेमोरियल का नाम बदलने की बात कही.