कोलकाता : पर्यावरण की रक्षा के लिए अब कागज को बचाने की मुहिम में राज्य प्रशासन शामिल हो गया है. इस अभियान से खर्च में भी कमी आ सकेगी. रोजाना के प्रशासनिक कामकाज में कागज का इस्तेमाल यथासंभव कम करने पर फैसला लिया गया है.
अर्से से राज्य सचिवालय में ‘पेपरलेस ब्यूरोक्रेसी’ तथा प्रशासनिक स्तर पर डिजिटल प्लैटफॉर्म अपनाया जा रहा है. अब यह प्रक्रिया जिलों में भी शुरू की गयी है. दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, बीरभूम, पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा व उत्तर 24 परगना में पेपरलेस ऑफिस की दिशा में कदम बढ़ाया गया है.
जिला प्रशासन की ओर से इस बाबत नवान्न को नियमित रिपोर्ट दी जा रही है. पूर्व बर्दवान के डीएम की ओर से जारी निर्देश में कागजों के इस्तेमाल को घटाने को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है. निर्देश में कहा गया है कि बेहद जरूरी न होने पर एक या दो लाइनों के इ-मेल का प्रिंटआउट लेने की जरूरत नहीं है.
कई बार बेवजह प्रिंटआउट लेने का चलन देखा जाता है. सरकार इसे बंद करना चाहती है. निर्देश में यह भी कहा गया है कि छोटे आकार वाले मेल का प्रिंटाउट लेना हो, तो आधे पन्ने में उसे लेने की कोशिश की जाये, ताकि बाकी के हिस्से को दूसरे काम में लगाया जा सके. जिन प्रिंटआउटों की जरूरत नहीं है, उन्हें कूड़े में फेंकने की बजाय उन्हें स्वनिर्भर समूहों को दिया जाये. इसका वह इस्तेमाल कर सकेंगे.