श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ के उद्घाटन समारोह में बोले राज्यपाल
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बंगाल के लिए सबसे बेहतर व अलग साबित होगा 2020
श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ के उद्घाटन समारोह में बोले राज्यपाल मारवाड़ी समाज की कर्मभूमि और जन्मभूमि में है पूर्ण सामंजस्य हिंसा और उपद्रव की स्थिति में खामोश रहना उचित नहीं कोलकाता : बंगाल के लिए 2020 बहुत ही अलग और सबसे बेहतर होगा. हम सभी अपने संवैधानिक कर्तव्यों और दायित्वों से अवगत हैं. हम सभी को […]
मारवाड़ी समाज की कर्मभूमि और जन्मभूमि में है पूर्ण सामंजस्य
हिंसा और उपद्रव की स्थिति में खामोश रहना उचित नहीं
कोलकाता : बंगाल के लिए 2020 बहुत ही अलग और सबसे बेहतर होगा. हम सभी अपने संवैधानिक कर्तव्यों और दायित्वों से अवगत हैं. हम सभी को एकजुटता से काम करना होगा. हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि 2020 बंगाल के लिए शांतिपूर्ण और हिंसामुक्त हो. उम्मीद है कि 2020 बहुत सारी प्रगति और सद्भावपूर्ण होगा.
यह कहना है राज्यपाल जगदीप धनखड़ का. गुरुवार को उल्टाडांगा के विधान गार्डन में आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल ने कहा- शैक्षणिक संस्थान न्याय का मंदिर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 2019 देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व निर्णायक रहा. लंबे समय से देश में एक समस्या थी, जो सबको झकझोर कर रखी थी कि भारतीय संस्कृति इतनी कमजोर है कि राम मंदिर नहीं बन रहा है.
लोगों ने न्याय पर विश्वास किया. फिर फैसला आया कि राम मंदिर बनेगा और बन रहा है. वह हमारे सांस्कृतिक जड़ का ही मूल हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मारवाड़ी समाज की कर्मभूमि और जन्मभूमि में पूर्ण सामंजस्य है. इनमें ऐसा सामंजस्य है कि इनके बैलेंसशीट में प्रॉफिट और समाज कल्याण भी है. इन्होंने कभी भी अपने प्रतिष्ठा को गिरने नहीं दिया. मारवाड़ी समाज कभी भी अपने कार्य की डंका नहीं पीटता.
लेकिन ऐसा नहीं है कि सबकुछ ठीक है. चिंतन और मंथन की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कई बार पीड़ा होती है कि समाज में इतना आक्रोश, हिंसा, उपद्रव, रेल पर पत्थराव व आगजनी की घटनाएं हो रही हैं फिर भी अधिक संख्या में लोग खामोश हैं. साइलेंट मेजॉरिटी ठीक नहीं है. साइलेंट रहने पर एक समय आयेगा कि आनेवाली पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी. मेरा मानना है कि समाज को सही दिशा देने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है.
राज्य सरकार के साथ काम करने का भरोसा जताया
मीडिया के सवालों पर श्री धनखड़ ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार के साथ मिल कर काम करते हुए संवैधानिक वचनबद्धताओं को पूरा करने का भरोसा है. अतीत की बातों को ढोते रहने से तो कोई हल नहीं निकलेगा. इस बात में जरा भी संदेह नहीं है कि हमें मिल कर काम करना होगा. हमें सम्मान के साथ संवैधानिक वचनबद्धताओं को पूरा करना होगा. सकारात्मक चीजों पर ध्यान दें, उसी भावना से आगे बढ़ें. यही मेरी अपील है.
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