कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से भारत में लोकतंत्र खतरे में है. सुश्री बनर्जी ने विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को पत्र लिखकर उनसे एकजुट रहने और ‘‘देश बचाने” के लिए योजना बनाने का अनुरोध किया.
उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ देश में प्रदर्शनों के बाद उपजी मौजूदा स्थिति को ‘‘गंभीर” बताया और सभी गैर-भाजपा दलों से एक साथ आने और केंद्र सरकार के ‘‘दमनकारी शासन’ के खिलाफ खड़े होने का आग्रह किया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को भेजे गये हैं. बनर्जी ने पत्र में कहा, ‘‘आज, मैं अपने मन में गंभीर चिंताओं के साथ आपको यह पत्र लिख रही हूं.
इस देश के नागरिक जाति और पंथ की परवाह किये बिना, विशेषकर महिला और बच्चे, किसान, श्रमिक और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के सदस्य संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी को लेकर भय और दहशत की चपेट में हैं. स्थिति बहुत गंभीर है.”
उन्होंने कहा, ‘‘आज, पहले से कहीं ज्यादा, हमें एकजुट तरीके से इस दमनकारी शासन के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है. मैं ईमानदारी से अपने सभी वरिष्ठ नेताओं और सभी राजनीतिक संगठनों से अनुरोध करती हूं कि वे इसके खिलाफ एकजुट तरीके से खड़े हों.” आइए हम केंद्र द्वारा इन नापाक प्रयासों के खिलाफ शांतिपूर्ण और सार्थक विरोध करें और भारतीय लोकतांत्रिक की आत्मा को बचायें.”