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राज्यपाल ने किया तलब, तो ममता ने मांगा सहयोग

कोलकाता : राज्य में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को हालात की जानकारी लेने के लिए मुख्य सचिव राजीव सिन्हा और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को तलब किया था. दोनों अधिकारी सोमवार को राज्यपाल से नहीं मिले. इस पर राज्यपाल ने सख्त नाराजगी जाहिर की […]

कोलकाता : राज्य में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को हालात की जानकारी लेने के लिए मुख्य सचिव राजीव सिन्हा और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को तलब किया था. दोनों अधिकारी सोमवार को राज्यपाल से नहीं मिले. इस पर राज्यपाल ने सख्त नाराजगी जाहिर की और उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ही राजभवन तलब कर लिया.

राज्यपाल ने सुश्री बनर्जी को व्यक्तिगत रूप से उन्हें हालात से अद्यतन कराने को कहा. इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा गया कि आलोचना की बजाय इस वक्त वह (राज्यपाल) राज्य सरकार का साथ दें. राज्यपाल के ट्वीट के कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री का यह पत्र राज्यपाल को भेजा गया.

मुख्यमंत्री ने इस पत्र में लिखा है कि वह राज्यपाल के राज्य सरकार की आलोचना करते हुए लगातार ट्वीट और प्रेस वार्ता को देखकर दुखी हैं. नि:संदेह वह इस बात को मानेंगे कि मौजूदा समय में राज्य प्रशासन का मुख्य ध्यान देश भर में चल रहे हालात के मद्देनजर शांति कायम करने की है.

उनकी नजर में शांति व्यवस्था को भंग करने वाले तत्वों को भड़काकर स्थिति को बिगाड़ने की बजाय संवैधानिक दायित्व राज्य सरकार की मशीनरी का सहयोग करना है. कृपया शांति बनाये रखने के लिए वह सहयोग करें.

गौरतलब है कि राज्यपाल ने सोमवार को टि्वटर के जरिये अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की और शीर्ष अधिकारियों की अनुपस्थिति को ‘दुर्भाग्यपूर्ण एवं अप्रत्याशित’ करार दिया. उन्होंने लिखा, ‘इस भयावह स्थिति को देखते हुए मैंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मंगलवार को अपनी सुविधानुसार व्यक्तिगत रूप से राजभवन आकर स्थिति की जानकारी देने को कहा है. अभी तक मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कोई जवाब नहीं आया है.

यह दुर्भाग्यपूर्ण और अप्रत्याशित है.’ धनखड़ ने सोमवार को इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन से गुजर रहे राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में उन्हें बताने के लिए नहीं पहुंचे. राज्यपाल ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति ‘बिल्कुल अस्वीकार्य’ है. उन्होंने इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को सोमवार सुबह राजभवन बुलाया था.

इस बीच, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में राज्य में प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. सोमवार को भी कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुआ तथा ट्रेनें रोकी गयीं.

उधर, पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा राज्य के उत्तर की ओर जाने वाली अपनी सभी ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिये जाने से राज्य और पूर्वोत्तर के बीच ट्रेन सेवाएं पूरी तरह ठप हो गयी हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के प्रवक्ता निखिल चक्रवर्ती ने बताया कि कोई भी ट्रेन मालदा से आगे नहीं जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि हावड़ा, सियालदह और कोलकाता से उत्तर बंगाल की ओर जाने वाली ट्रेन सेवाएं यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर अगले नोटिस तक रोक दी गयी हैं.

हालांकि, उन्होंने कहा कि इन तीन स्टेशनों से राज्य के बाहर के गंतव्यों की ओर जाने वाली ट्रेन सामान्य ढंग से चल रही हैं. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभानन चंदा ने कहा कि एनएफआर ने पिछले सप्ताह नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में व्यापक प्रदर्शनों के चलते अपनी सभी ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दी थीं, लेकिन कुछ सेवाएं फिर शुरू कर दी गयी हैं. उधर, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बंगाल में प्रदर्शन की वजह से ओड़िशा जाने वाली 17 ट्रेंनें रद्द कर दी गयी हैं.

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