कोलकाता: सारधा कंपनी में निवेश करनेवाले लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने पूर्व जस्टिस श्यामल सेन के नेतृत्व में विशेष आयोग के तहत उनको राशि लौटाने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया भी जारी की है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिन लोगों को राज्य सरकार ने मुआवजे का चेक दिया है, उसमें से करीब 40 प्रतिशत चेक आयोग के पास लौट कर आ गया है.
क्योंकि कुछ चेक में नाम गलत है तो कुछ का ठिकाना गलत है. बहरहाल, अब इन चेकों को लेकर आयोग में नयी समस्या पैदा हो गयी है और आयोग अब इसे सुलझाने का हर संभव प्रयास कर रही है.
जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने प्रथम चरण में कंपनी में 10 हजार रुपये तक का निवेश करनेवालों को आर्थिक मुआवजा देने का फैसला किया है और अब तक आयोग द्वारा करीब पांच हजार लोगों को चेक दिया गया है, लेकिन इसमें से करीब 40 प्रतिशत चेक वापस आ गये हैं. आयोग के सूत्रों के अनुसार, सारधा कंपनी में 10 हजार रुपये तक का निवेश करनेवालों की संख्या ही 4.19 लाख के करीब है. इसके साथ-साथ आयोग ने 20 हजार से एक लाख रुपये तक का निवेश करनेवाले निवेशकों की तालिका भी बना दी है. आयोग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा राशि मिलने के बाद इनको भी मुआवजा देने का काम शुरू किया जायेगा, इन लोगों को मुआवजा देने के लिए कम से कम और 200 करोड़ रुपये का आवश्यकता होगी.