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फर्जी सर्जेट गिरफ्तार

कोलकाता : खुद को कोलकाता पुलिस का सर्जेट बताकर गाड़ियों से ट्राफिक फाइन वसूलने वाले एक फर्जी सर्जेट को लालबाजार के वाच सेक्शन की टीम ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम देवज्योति राय है. वह दक्षिण कोलकाता के गरिया इलाके का रहने वाला है. इसके पहले भी उसे लोगों से ट्राफिक फाइन वसूलने […]

कोलकाता : खुद को कोलकाता पुलिस का सर्जेट बताकर गाड़ियों से ट्राफिक फाइन वसूलने वाले एक फर्जी सर्जेट को लालबाजार के वाच सेक्शन की टीम ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम देवज्योति राय है. वह दक्षिण कोलकाता के गरिया इलाके का रहने वाला है. इसके पहले भी उसे लोगों से ट्राफिक फाइन वसूलने के आरोप में जाल बिछा कर गिरफ्तार किया जा चुका है.

बऊबाजार इलाके में इस फर्जी सर्जेट के हाथों प्रताड़ित होने के बाद देवाशीष बनर्जी नामक एक पीड़ित व्यक्ति ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी. जिसके बाद उसके मोबाइल टावर के लोकेशन के आधार पर उसे यादवपुर इलाके से उसे दबोचा गया. अदालत में पेश करने पर उसे 25 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

कैसे करता था ठगी

पीड़ित व्यक्ति देवाशीष बनर्जी ने पुलिस को बताया कि गत 28 जून को वह अपनी कार लेकर मध्य कोलकाता के धर्मतल्ला इलाके से पाइकपाड़ा स्थित अपने घर की तरफ जा रहे थे. तभी शाम 4.25 के करीब उसकी कार को बाइक पर सवार एक व्यक्ति ने रोका. उस व्यक्ति ने खुद को बऊबाजार थाने का सर्जेट बताया. देवाशीष का आरोप था कि थोड़े देर पहले एक जज के कार को धक्का मारकर भागने का आरोप उस सर्जेट ने उस पर लगाया. जिसके कारण 35 हजार रुपये ट्राफिक फाइन देने की बात कही. जिसके बाद रफा-दफा करते हुए 16 हजार में मामले पर समझौता हुआ. जिसके बाद उसने पास के एटीएम से 16 हजार रुपये निकाल कर उस सर्जेट को दे दिया.

रसीद देख कर हुआ सर्जेट पर शक

पुलिस का आरोप है कि रुपये लेने के बदले उस सर्जेट ने एक आम कागज पर उसे लिख कर रसीद के रूप में लिया. इस रसीद को देखते हीं उसे सर्जेट पर शक हुआ. जिसके बाद कुछ दूर जाकर वह फिर से बऊबाजार थाने पहुंचा. वहां इसकी जानकारी ली, जहां इस तरह का कोई सर्जेट के नहीं होने की बात जानने के बाद उसने उस सर्जेट के खिलाफ इसकी शिकायत दर्ज करायी. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.

पहले भी कई लोगों से ऐंठ चुका है रुपये

मामले की जानकारी देते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि मामले की जांच करने पर पुलिस को पता चला कि इसके पहले भी नौ अप्रैल को इसी नाम के एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस समय तीन मोबाइल नंबर की पुलिस को जानकारी मिली थी. इस शिकायत के बाद पुलिस ने उसी व्यक्ति की तलाश शुरू की. उन तीन नंबर में से एक नंबर पुलिस को चालू मिला. उस नंबर को ट्रैक करने पर पुलिस ने इसकी तलाश शुरू की. मोबाइल को ट्रैक करने के बाद यादवपुर इलाके से उसे दबोचा. पुलिस का दावा है कि पूछताछ में उसने इस बात को कबूल भी कर लिया है.

आरपीएफ का पूर्व एसआइ रह चुका है

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी देवज्योति आरपीएफ में पूर्व एसआइ रह चुका है. वहां से किसी कारण उसे बर्खास्त किया गया था. जिसके बाद से वह ठगी का धंधा शुरू कर दिया था. इसके पहले भी उसे नौ अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद अदालत से जमानत पर रिहा होकर वह फिर से यह धंधा शुरू कर दिया था. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.

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