कोलकाता: राज्य में लगातार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों को दबाने का प्रयास कर रही है. वामपंथी कार्यकर्ताओं पर हमले थम नहीं रहे हैं. राज्य की कानून व्यवस्था चरमरा गयी है. तृणमूल सरकार के इस रवैये के बावजूद वामपंथी दल व कार्यकर्ता नहीं झुकेंगे. जनता के हित में उनका आंदोलन जारी रहेगा.
यह बात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने शुक्रवार को कही. वे महानगर के रासमणि एवेन्यू में आयोजित वाममोरचा के तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन के अंतिम दिन की सभा को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु, माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य डॉ सूर्यकांत मिश्र, प्रबोध सिन्हा समेत अन्य वामपंथी नेता व कार्यकर्ता शामिल रहे. बुद्धदेव भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि राज्य में पुलिस की भूमिका निष्पक्ष नहीं है.
सत्तारूढ़ दल के इशारे पर राज्य की कानून व्यवस्था चल रही है. रायदीघी कांड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वामपंथी कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. महानगर में वाममोरचा के तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन आंदोलन की शुरुआत है. वामपंथ और वामपंथी समाप्त नहीं हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के तीन वर्षो के सत्ता में रहने के दौरान राज्य के उद्योग धंधे और कृषि क्षेत्र की अवनति हुई है.
श्रमिकों और किसानों की जीविका पर हमले हो रहे हैं. महिलाओं की सुरक्षा पर संशय की स्थिति बनी हुई है. इन मुद्दों को लेकर वामपंथियों को एकजुट होना होगा. इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने रेल किराये बढ़ोतरी के फैसले का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि रेलवे किराया बढ़ाये जाने का फैसला अनुचित है. लोकसभा चुनाव के पहले आम जनता कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की जन विरोधी नीति की शिकार थी. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने जनता के हित पर ध्यान देने का भरोसा दिलाया था लेकिन रेल किराये में बढ़ोतरी से सारी सच्चई सामने आ गयी है. रेल किराये में बढ़ोतरी से अन्य सामानों की कीमत में भी इजाफा होगा. महंगाई बढ़ेगी. केंद्र सरकार के रवैये से जनता अवगत हो चुकी है.
राज्य में वाममोरचा के चेयरमैन विमान बसु ने कहा कि आम जनता के पास वामपंथी पूरी तरह से नहीं पहुंच पाये हैं. कुछ गलतियां हुई हैं लेकिन जनता के हित से जुड़े मुद्दे को लेकर वामपंथी लगातार आवाज उठायेंगे. राज्य में बंद पड़े कल-कारखानों को खोलने की मांग, राजनीतिक हिंसा पर अंकुश, लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा, विपक्षी दलों पर हमले बंद होना, श्रमिकों व किसानों की जीविका पर हमला बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन जारी रहेगा. आरोप के मुताबिक वाममोरचा के नेताओं व कार्यकर्ताओं पर होनेवाले हमले को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद किसी भी प्रकार के ठोस कदम नहीं उठाये गये. हैं और न ही प्रशासन द्वारा राजनीतिक हिंसा की घटनाओं के विरुद्ध ठोस कदम उठाये गये हैं.