कोलकाता : प्रदूषण के मामले में अब तक देश की राजधानी दिल्ली का ही नाम सबसे आगे था. लेकिन अब प्रदूषण के मामले में कोलकाता शहर दिल्ली को भी पीछे छोड़ता जा रहा है. महानगर में जिस प्रकार से प्रदूषण बढ़ रहा है, इससे आनेवाले समय में यहां स्थिति और भी भयावह हो सकती है.
प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए राज्य के पर्यावरण मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को आपातकालीन बैठक बुलायी है. जानकारी के अनुसार, महानगर के वातावरण में धूल-कण की मात्रा अभी दिल्ली से भी अधिक है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसका सबसे प्रमुख कारण डीजल चालित वाहन, लकड़ी व काेयला का ईंधन के रूप में प्रयोग व रास्ते पर जमे हुए धूल. पर्यावरण विभाग द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट के अनुसार, महानगर की हवा में पार्टिकुलेट मैटर्स (पीएम) 10 है, जिसमें 37.5 प्रतिशत रास्ते का धूल, काेयला व ईंधन से दूषण 29.8 प्रतिशत, पेड़ जलाने से प्रदूषण 11.7 प्रतिशत व अन्य कारक 21 प्रतिशत हैं.
प्रदूषण कम करने के लिए दिये गये प्रस्ताव
फुटपाथ पर कोयला का प्रयोग करनेवालों को इलेक्ट्रिक हीटर या कूकर प्रदान किया जायेगा. निगम की ओर से कोलकाता के रास्तों को रोजाना पानी से धोने व पेड़ों को नियमित रूप से पानी देना होगा. पेड़ की डाली, पत्ते, प्लास्टिक जलाने पर संग-संग उसे गिरफ्तार करना होगा. व्हाट्स ऐप पर वीडियो बना कर शिकायत दर्ज करनी होगी. शहर में सभी निर्माण कार्य को ढक कर करना होगा.
कहां-कहां सबसे ज्यादा प्रदूषण
श्यामबाजार 632.5 माइक्रोग्राम
पोर्ट क्षेत्र 600 माइक्रोग्राम
डनलप 456 माइक्रोग्राम
चेतला 384 माइक्रोग्राम
मौलाली 373 माइक्रोग्राम
सियालदह स्टेशन 400 माइक्रोग्राम
हावड़ा स्टेशन 440 माइक्रोग्राम
धर्मतल्ला 530 माइक्रोग्राम
पर्यावरण मंत्री ने बुधवार को बुलायी जरूरी बैठक
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने कोलकाता, विधाननगर व बैरकपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में 15 वर्ष से पुराने वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.
लेकिन इससे भी प्रदूषण स्तर को पर्याप्त मात्रा में कम नहीं किया जा सकता. इसलिए पर्यावरण मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को जरूरी बैठक बुलायी है, जिसमें निर्माणकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है. इनमें रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल), कोलकाता नगर निगम, कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) के अधिकारियों के साथ-साथ पर्यावरण व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी उपस्थित रहेंगे.