कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल को लेकर राजनीति हो रही है. अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने लिखा है कि संसद का विशेष सत्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल को पास कराने के लिए बुलाया जायेगा. लोगों को खाद्य सुरक्षा जरूर मुहैया करायी जानी चाहिए, लेकिन जिस तरह से यूपीए टू सरकार इस मामले का राजनीतिकरण कर रही है वह गलत है.
खाद्यान्न के बदले प्रस्तावित नगद ट्रांसफर का कोई मतलब नहीं होगा, क्योंकि दूरदराज इलाकों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध नहीं है और उन्हीं इलाकों में गरीब व आदिवासी रहते हैं. ये वादे और कुछ नहीं बल्कि राजनीतिक दिखावा है. हम यह जोर देते रहे हैं कि आधारभूत ढांचे, भंडार की सुविधा आदि का समूचा आर्थिक बोझ भारत सरकार को वहन करना चाहिए. राज्य को आवंटित खाद्यान्न में किसी की भी कमी की भरपाई केंद्र सरकार को अतिरिक्त आवंटन देकर करनी चाहिए. राज्य को क्रियान्वयन एजेसी बनाना चाहिए और लाभार्थियों की पहचान का जिम्मा राज्यों पर छोड़ देना चाहिए.
पूरी प्रक्रिया के बगैर क्या यूपीए टू सरकार के लिए प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल जैसे प्रमुख मुद्दे पर कानून में जल्दीबाजी दिखानी ठीक है, वह भी तब जब आम चुनाव सामने है. वह भी ऐसी सरकार के जरिये जिसका बहुमत तृणमूल कांग्रेस व डीएमके के हट जाने से संशय में है.