मालदा : सामूहिक दुष्कर्म की शिकार एक पीड़िता की जगह किसी अन्य लड़की के अदालत में गवाही देने का आरोप सामने आया है. पीड़िता के परिवार और उसके वकील ने इस संबंध में सरकारी पक्ष और घटना की जांच कर रहे जांच अधिकारी पर उंगली उठायी है. बुधवार को इस संबंध में नाबालिग की ओर से उसके वकील इंद्रनील दास ने मालदा अदालत परिसर में बताया कि ओल्ड मालदा थाने के पोपड़ा इलाके में एक नाबालिग 30 सितंबर 2015 को सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हो गयी थी.
इस मामले में संबंधित थाने में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुयी थी. बाद में उन्हें जमानत मिल गयी थी. फिलहाल पोक्सो एक्ट के तहत यह मामला मालदा अदालत में चल रहा है.
इंद्रनील दास ने बताया कि अदालती रिकार्ड के मुताबिक 22 नवम्बर 2017 को पीड़िता की अदालत में गवाही हुयी. लेकिन नाबालिग और उसके मां-बाप का कहना है कि वे लोग गवाही देने नहीं गये थे. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर पीड़िता की जगह गवाही किससे दिलवायी गयी. इंद्रनील दास ने कहा कि अगर गवाही में किसी दूसरे व्यक्ति को खड़ा किया गया है तो यह गंभीर अपराध है.
पीड़िता के वकील के इस मामले को अदालत के समक्ष उठाने पर अदालत ने बुधवार को पीड़िता नाबालिग के हस्ताक्षर के नमूने लेने का निर्देश जांच अधिकारी को दिया. इसका अदालत के रिकार्ड में दर्ज से मिलान किया जायेगा.