कोलकाता : कोलकाता के दक्षिणी हिस्से में माजेरहाट पुल का एक हिस्सा ढहने के बाद उसके मलबे में से गुरूवार को एक और शव निकाला गया जिसके बाद इस हादसे में मृतकों की संख्या तीन हो गयी है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मृतक की पहचान मुर्शिदाबाद जिला निवासी श्रमिक गौतम मंडल (45) के तौर पर की गयी है जो मंगलवार को पुल ढहने के बाद से एक और मजदूर प्रणब डे के साथ लापता था.
उन्होंने कहा कि मंडल माजेरहाट पुल के पास चल रही मेट्रो रेल विस्तार परियोजना में रसोइये के रूप में काम करता था. परियोजना के लिए इलाके में खुदाई की गयी है और चारों तरफ निर्माण सामग्री बिखरी पड़ी है. इससे पहले बुधवार को सौमन बाग का शव मिला था. घटना में घायल 24 लोगों में से 11 को बुधवार को छुट्टी दे दी गयी 13 का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है. मंडल का शव मिलने के बाद एनडीआरएफ के जवान घटनास्थल से चले गये वहीं राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मियों ने क्रेन आदि के साथ दुर्घटना स्थल पर बचाव कार्य जारी रखा.
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने कहा कि हम अपना अभियान बंद कर रहे हैं क्योंकि अब लगता है कि अंदर कोई नहीं है. राज्य सरकार ने घटना के कारणों की जांच करने के लिए मुख्य सचिव मलय डे के नेतृत्व में समिति का गठन किया है. डायमंड हार्बर रोड को बंद कर दिया गया है और सुबह से हजारों लोग भारी यातायात जाम में फंसे हैं. कोलकाता पुलिस के यातायात विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने शहर में आने वाले और यहां से जाने वाले वाहनों को अन्य रास्तों पर मोड़ दिया है.’
पुलिस ने हादसे के सिलसिले में अज्ञात लोगों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है. यह 2013 के बाद से शहर में पुल ढहने की तीसरी घटना है.
हाइकोर्ट में जनहित याचिकाएं दायर
कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष बुधवार को माझेरहाट पुल का एक हिस्सा ढहने का उल्लेख पर दो जनहित याचिकाएं दायर की गयी हैं. दोनों ही मामलों की सुनवाई हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य व न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ में होने की संभावना है. बुधवार को अदालत की सुनवाई के समय के पूर्व उल्लेख काल में वकील अनिंद्य सुंदर दास व रविशंकर चटर्जी ने मंगलवार को हुए माझेरहाट हादसे के संबंध में खंडपीठ को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि ब्रिज के ढहने का मामला बेहद दुखद है. खंडपीठ ने वकीलों को इस संबंध में मामला दायर करने की अनुमति दी गयी. दूसरी तरफ वकील विप्लव रायचौधरी ने कहा कि माझेरहाट ब्रिज हादसा का कारण क्या है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है, वह सामने लाने के लिए अदालत कदम उठाये.
न्यू अलीपुर से माझेरहाट तक रेलसेवा रहेगी बाधित
माझेरहाट सड़क ओवरब्रिज के हादसे के बाद से पूर्व रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की कोताही बरतना नहीं चाह रहा है. पूर्व रेलवे माझेरहाट पुल दुर्घटना की जांच राट्इस जैसी प्रतिष्ठित कंपनी से करना चाहता है. वहीं जांच टीम में रेलवे के पुल इंजीनियरों को भी शामिल किया गया है. रेलवे के अधिकारी जबतक पुल की पूरी तरह से जांच नहीं कर लेते रेलवे प्रशासन इस मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन बंद ही रखना चाहता है.
रेलवे ने भी किया था आगाह
रेलवे ने माझेरहाट पुल हादसा होने से पहले ही कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट ऑथोरिटी (केएमडीए) को कमजोर बीम, बाहर निकली हुई सरिया और नींव में दरारें पड़ने को लेकर आगाह किया था. केएमडीए को 27 जुलाई को भेजे गये एक पत्र में पूर्व रेलवे जोन के उप मुख्य अभियंता ने पुल में कई खामियां बताते हुए उसके निरीक्षण की जरूरत बतायी थी. इस पत्र की एक प्रति रेलवे के वरिष्ठ उप अभियंता, सियालदा को भी भेजी गयी थी. अभियंता ने लिखा है, पुल का भार उठाने वाले आरसीसी बीम की हालत सही नहीं है और इसे बेहद जल्दी योजनाबद्ध तरीके से बदलने की जरूरत है.