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विधुआ गांव के तीन किमी सड़क निर्माण की आवाज उठी
मालदा : चांचल महकमा अंतर्गत विधुआ गांव के तीन किलोमीटर सड़क स्थानीय लोगों के लिए असुविधाजनक के साथ-साथ जोखिमभरी हो गई है. स्थानीय लोगों की मानें तो शाम ढलते ही वहां से गुजरने वाले राहगीरों पर पत्थर और ईंटों की बरसात शुरु हो जाती है. लोगों का कहना है कि इलाके में भूतों का डेरा […]
मालदा : चांचल महकमा अंतर्गत विधुआ गांव के तीन किलोमीटर सड़क स्थानीय लोगों के लिए असुविधाजनक के साथ-साथ जोखिमभरी हो गई है. स्थानीय लोगों की मानें तो शाम ढलते ही वहां से गुजरने वाले राहगीरों पर पत्थर और ईंटों की बरसात शुरु हो जाती है. लोगों का कहना है कि इलाके में भूतों का डेरा है. वर्ना छिनताई और लूटपाट की घटना घटती, लेकिन ऐसा होता नहीं है. इसके मद्देनजर लोगों ने सड़क निर्माण की मांग तेज कर दी है. वहीं मालदा जिला परिषद के उप-सभाधिपति गौड़चन्द्र मंडल ने बताया कि इस सड़क के निर्माण की योजना तैयार है. राशि आवंटित होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा.
जिला परिषद के सूत्र अनुसार चांचल महकमा के हरिश्चन्द्रपुर एक नंबर ब्लॉक के तहत कामारता से चांचल-1 ब्लॉक के विधुआ गांव तक किलोमीटर का रास्ता है. इसी रास्ते से होकर इलाके के 25 गांवों के निवासी आवागमन करते हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क का आजतक निर्माण नहीं किया गया. स्थानीय लोगों के अनुसार रास्ते के दोनों तरफ जंगल और झाड़ियां हैं. कभी यहां बाघ और सियारों का अड्डा था. इस वजह से लोग इस रास्ते से होकर चलने से डरते थे. हालांकि बाद में आबादी बढ़ने के साथ ही जैसे-जैसे जंगल कम होते गये, लोगों का आवागमन होने लगा. कुछ लोगों के अनुसार रास्ते के आसपास भूतों का डेरा है.
इसलिए कई बार पथराव के डर से राहगीर अस्वस्थ हो गये हैं. भूतों से बचाव के लिए रास्ते के आसपास मंदिर-मस्जिद का भी निर्माण किया गया. उसके बावजूद भूतों की दहशत कम नहीं हुई.
चांचल से विधायक आसिफ मेहबूब और हरिश्चन्द्रपुर से विधायक मुश्ताक आलम ने बताया कि स्थानीय ग्रामीणों में एक अंधविश्वास धड़ कर गया है. लोगों को भूतों के अंधविश्वास से निजात दिलाने के लिए जागरुकता शिविर किये जाते हैं.
चांचल के एसडीपीओ सजल कांति विश्वास ने बताया कि विभिन्न इलाकों में जरूरत के हिसाब से पुलिस गश्त लगाती है. अगर रास्ते से छिनताई-लूटपाट की शिकायत मिलती है, तो उसकी जांच की जायेगी. स्थानीय निवासी रोजी बीबी, हबीबुर शेख, लियाकत अली का कहना है कि यह सच है कि यह रास्ता समाजविरोधियों का अड्डा बन गया है.
लेकिन अगर उनका मकसद लूट-पाट होता, तो वे सामने आते. यहां के राहगीरों पर अज्ञात जगह से पत्थर और ईंटें बरसाई जाती हैं. इस दौरान कई बार लोग गंभीर रूप से जख्मी भी हुए हैं. हालांकि इसे समाजविरोधियों का क्या लाभ हो सकता है. उन्होंने सड़क का नये सिरे से निर्माण करने की मांग की.
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