कहा : केंद्र ने समर्थन मूल्य मात्र 200 रुपये बढ़ाया है लेकिन दावा किया जा रहा है कि इसे 50 प्रतिशत बढ़ाया गया है खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने को लेकर सीएम ने केंद्र को घेरा कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खरीफ फसलों का न्यूनतम […]
कहा : केंद्र ने समर्थन मूल्य मात्र 200 रुपये बढ़ाया है लेकिन दावा किया जा रहा है कि इसे 50 प्रतिशत बढ़ाया गया है
खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने को लेकर सीएम ने केंद्र को घेरा
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के बारे में लोगों को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाया. ममता बनर्जी की यह टिप्पणी केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इस महीने धान सहित सभी 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की पृष्ठभूमि में आयी है.
ममता बनर्जी विधानसभा में कहा : प्रधानमंत्री गलत सूचना फैला रहे हैं. वह न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के मुद्दे पर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. केंद्र ने समर्थन मूल्य मात्र 200 रुपये बढ़ाया है लेकिन दावा किया जा रहा है कि इसे 50 प्रतिशत बढ़ाया गया है, जो कि पूरी तरह से गलत है.
‘हमने किसानों की आय दोगुनी की’
मुख्यमंत्री ने कहा : प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि केंद्र 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगा. यद्यपि हमने अपने किसानों की आय पहले ही दोगुनी कर दी है. राज्य में किसानों की आय 3.2 फीसदी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि देश में करीब 1200 किसानों ने आत्महत्या की लेकिन उनमें पश्चिम बंगाल से एक भी किसान नहीं है. ममता बनर्जी ने मांग की कि केंद्र किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ा कर दो लाख रुपये करे. उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड फार्म पर मोदी की तस्वीर लगाने के प्रस्ताव की आलोचना की और कहा कि इस पहल के लिए राज्य सरकारें भी बड़ा हिस्सा देती हैं. राज्य सरकार इस मद में 60 फीसदी व केंद्र सरकार 40 फीसदी राशि देती है. किसान क्रेडिट कार्ड में आधार कार्ड भी बाध्यतामूलक किया जा रहा है. ऐसा क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य के 30 लाख किसानों की जमीन बाढ़ के पानी में डूब गया था. राज्य सरकार ने उन्हें मुआवजा दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्देश दिया कि किसानों को दो लाख रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड दें, 20 और 40 हजार रुपये में कुछ नहीं होता है.
केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण नहीं मिल रहे डॉक्टर : मुख्यमंत्री
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्य को नये डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. सुश्री बनर्जी ने विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान सवाल के जवाब में कहा कि स्थायीय छात्र व छात्राओं को डॉक्टरी पढ़ने का अवसर नहीं मिल रहा है. राज्य में कुल दो हजार 500 डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन उन्हें मात्र हजार डॉक्टर प्रति वर्ष मिल रहे हैं. मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की गलत नीति के कारण राज्य को डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं. 30 लाख रुपये खर्च करने पर एक डॉक्टर बनता है. इसके बावजूद पढ़ाई कर वे बाहर चले जाते हैं. कोई गांव जाना नहीं चाहता है. विदेश से यदि कोई डॉक्टर आये, तो राज्य सरकार उसे लेने के लिए तैयार है. 10 हजार नर्स तैयार करेंगे. राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था के संबंध में वाम मोरचा शासन पर कटाक्ष करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि राज्य के कुल 42 सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स में से 39 शुरू हो गये हैं. इसमें से 37 हॉस्पिटल्स में आउटडोर सेवा है. देश में ऐसा कोई भी राज्य नहीं है, जहां नि:शुल्क चिकित्सा की व्यवस्था है. उन्होंने सवाल किया कि वाम मोरचा के शासन में स्वास्थ्य विभाग का बजट कितना था. 2011 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 899 करोड़ रुपये था, जबकि अब यह बढ़ कर 5530 करोड़ रुपये हो गया है. इसके बावजूद आरोप लग रहे हैं कि अस्पतालों में चिकित्सा की पर्याप्त सुविधा नहीं है. वाम मोरचा विधायकों पर कटाक्ष करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि गलत बातें नहीं फैलायें. आज अन्य राज्य से लोग इस राज्य में चिकित्सा कराने आ रहे हैं, लोगों को चिकित्सा की सुविधाएं दी जा रही है. उनपर दवाब नहीं बनायें. काम करने दें. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में एक हजार बेड हैं. रोगी की संख्या डेढ़ हजार है. एक डॉक्टर सवेरे से रात तक ड्यूटी करते हैं. उसके बावजूद राज्य में डॉक्टरों की कमी है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों व पड़ोसी देश में भी इस राज्य में रोगी आ रहे हैं. उन्हें भी चिकित्सा सुविधा देनी होती है.