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राज्य के 48 हजार पारा शिक्षकों का वेतन बढ़ा
कोलकाता : प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले पारा शिक्षकों के लिए खुशखबरी है. वेतन में बढ़ोतरी के साथ-साथ स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) की नियुक्ति में उनका आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है. सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित पारा शिक्षकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए […]
कोलकाता : प्राथमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले पारा शिक्षकों के लिए खुशखबरी है. वेतन में बढ़ोतरी के साथ-साथ स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) की नियुक्ति में उनका आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है. सोमवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित पारा शिक्षकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने यह जानकारी दी. पहले एसएससी में पारा शिक्षकों के लिए मात्र दस प्रतिशत सीटें रिजर्व रहती थी. अब और 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेगी.
श्री चटर्जी ने कहा कि किसानों, श्रमिकों, शिक्षकों और पारा टीचरों की सारी मांगें पूरी की गयी हैं. राज्य में कुल 48 हजार पारा शिक्षक हैं. जिनमें प्राथमिक में 22,095 और हायर सेकेंडरी में 26,585 हैं. बिना पैसे के पारा शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गयी है. जिसका परिणाम भी जल्द ही घोषित किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि मार्च 2018 से वेतन बढ़ोतरी की जायेगी. विचार-विमर्श के जरिये मुख्यमंत्री सारी बातें सुनती हैं इसलिए बेवजह मांग करते हुए सिर्फ मामला करने से अच्छा है कि मामला नहीं करें.
उन्होंने कहा कि प्राथमिक के पारा शिक्षकों के वेतन पहले 5954 रुपये थे, जिसे बढ़ाकर दस हजार कर दिया गया है. हायर सेकेंडरी के पारा शिक्षकों को अब 8186 रुपये के बदले 13 हजार रुपये मिलेंगे.
प्राथमिक में पारा शिक्षकों का वेतन हुआ 10 हजार
एचएस के पारा शिक्षकों को मिलेंगे हर माह 13 हजार
अब एसएससी में 30 प्रतिशत सीटें रहेंगी आरक्षित
बीएड कर लेने पर स्थायी नियुक्ति के होंगे हकदार
कार्यक्रम में अनुपस्थित रहने के बावजूद भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फोन के जरिये अपना वक्तव्य रखा. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक अगर बीएड कर लेते हैं, तो उन्हें भी स्थायी तौर पर शिक्षक नियुक्त कर दिया जायेगा. वे जल्द से जल्द बीएड कर लें. उन्होंने कहा कि अभी टेट के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति होती है, यदि यह बाध्यता नहीं रही तो पारा शिक्षकों में से ही परीक्षा लेकर प्राथमिक और हायर सेकेंडरी स्तर पर 2021 के अंदर ही योग्यतानुसार स्थायी करने की कोशिश की जायेगी.
श्री चटर्जी ने कहा कि कुछ मीडिया वाले गलत प्रचार करते है. रुपये लेकर भर्ती के मामले पर उन्होंने कहा कि भर्ती होने के बाद एक से पता चला कि अगर वे रुपये लेकर भर्ती की बात नहीं करते तो उन्हें भर्ती ही नहीं मिलती.
गौरतलब है कि 2006 में वाम मोर्चा के शासनकाल में पारा शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों के आधार पर यह नियुक्ति हुई थी.
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