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प्रणब के सफर के बाद आरएसएस के सदस्यों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी
कोलकाता : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के कार्यक्रम में मौजदूगी व उनके सफर के बाद से संघ के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. विरोधियों के लाख बयानबाजी के बाद भी प्रणब मुखर्जी नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए. इसके लिए प्रणब मुखर्जी को आरएसएस की ओर से धन्यवाद दिया […]
कोलकाता : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के कार्यक्रम में मौजदूगी व उनके सफर के बाद से संघ के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. विरोधियों के लाख बयानबाजी के बाद भी प्रणब मुखर्जी नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए. इसके लिए प्रणब मुखर्जी को आरएसएस की ओर से धन्यवाद दिया गया है. सोमवार को बड़ाबाजार लाइब्रेरी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत कार्यवह डॉ जिष्णु बसु ने ये बातें कहीं.
न्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी के साथ आरएसएस का देशहित में कार्य भी महत्वपूर्ण रहा. जिस तरह से बंगाल में अलोकतांत्रिक स्थिति बन गयी थी, उसके बाद प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होना देशहित में आरएसएस का साथ देने का संकेत है. देश को शक्तिशाली बनाना ही संघ का लक्ष्य है.
मौके पर आरएसएस के दक्षिण बंगाल के प्रांत प्रचार प्रमुख विप्लव राय ने कहा कि नागपुर में संघ के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के शामिल होने के दिन से आरएसएस से जुड़ने के लिए सदस्यों की संख्या में विस्तार हुआ है, उसके लिए सिर्फ प्रणब मुखर्जी कारण नहीं है, बल्कि संघ के अच्छे कार्य और अलोकतांत्रिक कार्यों के खिलाफ संघ की भूमिका भी महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन संघ की वेबसाइट पर औसत सदस्यों के जुड़ने के लिए रिक्वेस्ट करीब 378 आते रहे हैं लेकिन कार्यक्रम के दिन यह संख्या करीब 1779 तक पहुंची थी, लेकिन इसके लिए प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी ही महत्वपूर्ण है यह कहना उचित नहीं है. यह कोई नयी बात नहीं है, बल्कि महात्मा गांधी भी आजादी के बाद आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. डॉ अंबेडकर साहब भी शामिल हुए थे. ऐसे कई महान व्यक्ति संघ के कार्यक्रम में शामिल हुए है और संघ की तारीफ भी किये है.
उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी के नहीं आने के पहले भी बंगाल में संघ की शाखाएं रही हैं. एक साल पहले दक्षिण बंगाल में 850 के करीब संघ के शाखाएं थी और अब यह संख्या बढ़कर करीब 1200 हो गयी हैं. इसी तरह से उत्तर बंगाल में जहां तीन सौ थे वह अब बढ़कर चार सौ के करीब हो गये है.
उन्होंने कहा कि बंगाल में जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या हुई और लोगों के अधिकारों का हनन हुआ, ऐसे में संघ के देशहित में काम के कारण लोग उसके अच्छे कार्यों की वजह से लोग तेजी से जुड़ रहे हैं.
मौके पर संघ के आर सेन गुप्ता समेत अन्य मौजूद थे. प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को धन्यवाद जताया है. विज्ञप्ति के जरिए उन्होंने कहा कि मोहन भागवत और प्रणब मुखर्जी के वक्तव्य में कोई अंतर नहीं था.
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