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गुनहगारों को अब जेल पहुंचायेगा एफआरएस सिस्टम

कोलकाता :देश के अन्य महानगरों की पुलिस के बाद अब कोलकाता पुलिस भी अपराध कर फरार होनेवाले गुनहगारों को पकड़ने के लिए फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर सिस्टम (एफआरएस) का इस्तेमाल करेगी. इस परियोजना के तहत महानगर के चार प्रमुख जगहों में कुल 34 फेस रिकॉग्निशन (चेहरा पहचानने की क्षमता) वाले कैमरे लगाये जा रहे हैं. जो […]

कोलकाता :देश के अन्य महानगरों की पुलिस के बाद अब कोलकाता पुलिस भी अपराध कर फरार होनेवाले गुनहगारों को पकड़ने के लिए फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर सिस्टम (एफआरएस) का इस्तेमाल करेगी. इस परियोजना के तहत महानगर के चार प्रमुख जगहों में कुल 34 फेस रिकॉग्निशन (चेहरा पहचानने की क्षमता) वाले कैमरे लगाये जा रहे हैं. जो पूरी तरह से फेस रिकॉग्निशन सिस्टम सॉफ्टवेयर से लैस होंगे. इस सॉफ्टवेयर सिस्टम के तहत कोलकाता पुलिस के क्राइम रिकॉर्ड में फरार रहनेवाले किसी भी अपराधी को देखते ही यह सिस्टम इसकी सूचना स्थानीय थाने के साथ लालबाजार पुलिस कंट्रोल रूम को दे देगा.
  • सिस्टम के तहत महानगर की चार जगहों में लगाये जायेंगे 34 फेस रिकॉग्निशन कैमरे
  • कोलकाता पुलिस के क्राइम रिकार्ड में दर्ज फरार आरोपियों की पहचान करेगा यह सिस्टम
  • सिस्टम के दायरे में आनेवाले फरार आरोपियों को देखते ही पुलिस को मिलेगी सूचना
कैसे काम करेगा यह सिस्टम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस सिस्टम के तहत शुरुआती स्तर पर महानगर के चार जगहों में फेस रिकॉग्निशन कैमरे लगाये जायेंगे, जो नजदीक से लोगों के चेहरे की पहचान करने में सक्षम होंगे. भीड़-भाड़वाले इलाकों में भी यह कैमरा सफलतापूर्वक काम करेगा. कोलकाता पुलिस के क्राइम रिकार्ड ब्यूरो में दर्ज अपराध के बाद फरार आरोपियों की तस्वीर व उसके बारे में पूरी जानकारी इस सिस्टम में दर्ज की जायेगी. इसके बाद इस कैमरे के दायरे में आनेवाले आरोपी की पूरी जानकारी कोलकाता पुलिस के कंट्रोल रूम के अलावा स्थानीय थाने को मिलेगी, जिससे फरार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे.
दूसरे व्यस्त इलाकों में लगेंगे और 200 कैमरे
सूत्रों का कहना है कि प्रथम स्तर में महानगर के चार इलाकों को चिह्नित कर इन इलाकों में इस सिस्टम के तहत कैमरे लगाये गये हैं. दूसरे स्तर में अन्य चिह्नित इलाकों में 200 और कैमरे लगाये जायेंगे. वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि इससे ज्यादा समय तक उनकी पकड़ से अपराधी फरार नहीं रह सकेंगे. भविष्य में महानगर के विभिन्न इलाकों में लगे सामान्य सीसीटीवी कैमरे को भी इस प्रणाली से जोड़ने की कोशिश होगी. जिससे अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने में पुलिस को और मदद मिल सके.
इस सिस्टम से अन्य शहर की पुलिस को मिल रही मदद
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अबतक दिल्ली पुलिस, गुजरात पुलिस, मुंबई पुलिस व बेंगलुरु पुलिस इस सिस्टम से लैस होकर लाभान्वित हो रही है. अब कोलकाता पुलिस के भी इस सिस्टम से लैस होने के बाद यहां भी फरार अपराधियों पर सख्ती से निगरानी रखकर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकेगा. इस प्रणाली को लेकर जानकार बताते हैं कि पुलिस के पास जिन अपराधियों का रिकार्ड है, उन्हें पकड़ने में यह सिस्टम कारगर साबित होगी. लेकिन जिन अपराधी का पुलिस के खाते में कोई रिकार्ड नहीं है, उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस को खुद के मुखबिर की मदद लेकर काम करना होगा.

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