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रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा- बचाया गया हर जीवन अमूल्य है

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल में मानवरहित क्रॉसिंग खत्म करने के लिए एक मिशन मोड प्लान की समीक्षा की कोलकाता : भारतीय रेलवे का प्रथम लक्ष्य यात्री सुरक्षा है क्योंकि हम जानते हैं कि बचाया गया हर जीवन अमूल्य है. मैं जानता हूं कि कई बार लापरवाही से रेल क्रॉसिंगों को पार करते समय […]

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल में मानवरहित क्रॉसिंग खत्म करने के लिए एक मिशन मोड प्लान की समीक्षा की

कोलकाता : भारतीय रेलवे का प्रथम लक्ष्य यात्री सुरक्षा है क्योंकि हम जानते हैं कि बचाया गया हर जीवन अमूल्य है. मैं जानता हूं कि कई बार लापरवाही से रेल क्रॉसिंगों को पार करते समय दुर्घटनाएं होती हैं. रेल मंत्रालय का दायित्व मिलने के साथ ही मैंने सबसे पहले इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण दुघर्टनाओं को रोकने की दिशा में कार्य किया और इसकी रोकथाम के लिए मिशन मोड प्लान शुरू किया.

सभी जोनों को निर्देश दिया गया कि वह जल्द से जल्द मानव रहित क्रॉसिंगों (यूएमएलसी) को हटाने के लिए कार्य करें. उक्त बातें केंद्रीय रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल से मानव रहित क्रॉसिंग (यूएमएलसी) को पूरी तरह खत्म करने की योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहीं. बैठक में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्य, रेल सुरक्षा के मुख्य आयुक्त, पांच रेल जोनों एनआर, डब्ल्यूआर, एनइआर, एनडब्ल्यूआर, इसीआर के महाप्रबंध एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. बैठक के दौरान उन्होंने भारतीय रेल से मानव रहित क्रॉसिंग (यूएमएलसी) को पूरी तरह खत्म करने की योजना की समीक्षा की. इस दौरान कुशीनगर दुर्घटना के पीड़ितों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया.

रेलमंत्री के रूप में प्रभार लेने के बाद श्री गोयल द्वारा 7 सितंबर, 2017 को आयोजित पहली ही बैठक सुरक्षा मुद्दों पर थी. उसमें उन्होंने निर्देश दिया था कि सभी मानव रहित क्रॉसिंग (यूएमएलसी) अगले एक वर्ष में समाप्त हो जाने चाहिए. इस संबंध में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गयी है जिसमें ए, बी और सी मार्गों पर अब केवल 58 मानव रहित क्रॉसिंग शेष रह गये हैं, जिन पर भारतीय रेल यातायात का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा निर्भर है.

भारतीय रेल ने मानव रहित क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं में कमी लाने की दिशा में कई कदम उठाये हैं, जिसके कारण पिछले चार वर्षों में (2013-14 में 47 दुर्घटनाएं हुई थीं, जो 2017-18 में कम होकर 10 पर आ गयीं) यूएमएलसी दुर्घटनाओं में 79 प्रतिशत की कमी आयी है. पिछले चार वर्षों के दौरान यूएमएलसी के उन्मूलन की औसत दर में भी लगभग दो तिहाई की वृद्धि हुई है. अब ब्रॉडगेज नेटवर्क पर केवल 3,479 मानव रहित क्रॉसिंग बचे हुए हैं.

अब शेष यूएमएलसी को खत्म करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति बनायी जा रही है, जिसमें यूएमएलसी पर कर्मचारियों की बहाली, रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबीएस), रेलवे ओवरब्रिज, डाइवर्जन आदि का निर्माण शामिल होगा. यूएमएलसी की एक उल्लेखनीय संख्या के साथ पांच महत्वपूर्ण जोनों (एनआर, डब्ल्यूआर, एनइआर, एनडब्ल्यूआर और इसीआर) के जीएम के साथ एक विस्तृत समीक्षा की गयी. उत्तरदायित्व और सार्वजनिक निगरानी बढ़ाने के लिए एक वेबसाइट के माध्यम से यूएमएलसी के उन्मूलन की प्रगति को पारदर्शी रूप से ऑनलाइन साझा किया जायेगा.11 जोनों में यूएमएलसी को खत्म करने का लक्ष्य सितंबर, 2018 होगा. शेष पांच जोनों के लक्ष्य जल्द ही निर्धारित किये जायेंगे.

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