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कोलकाता : शांतिपूर्ण चुनाव कराने को आयोग तत्पर

राज्य चुनाव आयुक्त ने राज्यपाल को दी तैयारियाें की जानकारी, कहा कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी है और विभिन्न जिलों में नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गयी है. लेकिन नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही बंगाल के विभिन्न जिलों में हिंसा का दौर भी शुरू हो गया है. नामांकन […]

राज्य चुनाव आयुक्त ने राज्यपाल को दी तैयारियाें की जानकारी, कहा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी है और विभिन्न जिलों में नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गयी है. लेकिन नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही बंगाल के विभिन्न जिलों में हिंसा का दौर भी शुरू हो गया है.
नामांकन प्रक्रिया में हो रही हिंसा के बारे में जानकारी लेने के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने राज्य चुनाव आयुक्त अमरेंद्रनाथ सिंह को तलब किया था. आयुक्त अमरेंद्र नाथ सिंह बुधवार सुबह 11.45 बजे राजभवन पहुंचे और लगभग 45 मिनट तक राज्यपाल के साथ बैठक की.
सूत्रों के मिली जानकारी अनुसार, श्री सिंह ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को राज्य में पंचायत चुनाव की तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी.
साथ ही पंचायत चुनाव के पहले नामांकन व चुनाव प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर विस्तृत रिपोर्ट पेश की. इस बैठक में केंद्रीय सुरक्षा बल के मुद्दे पर भी बातचीत हुई.
राज्यपाल ने चुनाव आयुक्त से पंचायत चुनाव के दौरान तैनात किये जानेवाले फोर्स के बारे में जानकारी हासिल की. जानकारी के अनुसार, श्री सिंह ने राज्यपाल को बताया है कि पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग पूरी तरह तत्पर है.
राज्य के मुख्य सचिव व गृह सचिव भी पहुंचे राजभवन
उल्लेखनीय है कि राज्य चुनाव आयुक्त के पहले राज्य के मुख्य सचिव मलय दे व गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य भी सुबह नौ बजे राजभवन पहुंचे.
राज्यपाल ने राज्य की कानून व्यवस्था के मुद्दे पर दोनों अधिकारियों से विचार-विमर्श किया. गौरतलब है कि सभी विपक्षी पार्टियों ने पंचायत चुनाव के लिए नामांकन जमा करने को केंद्र कर राज्य के विभिन्न जिलों में तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है.
सभी विरोधी पार्टियां इसके लिए सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधि दल ने पहले ही राज्यपाल के साथ मुलाकात कर शिकायत की थी.
बुधवार को वाममोर्चा का भी प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा और राज्यपाल को इस संबंध में पूरी जानकारी दी. राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव मलय दे व गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य को कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है.
सरकार के दावों से चुनाव आयोग भी सहमत नहीं
बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ-साथ हिंसा का दौर शुरू हो गया है. जहां एक ओर, विपक्षी पार्टियां पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करने की मांग कर रही हैं, तो वहीं राज्य सरकार इसे खारिज कर दिया है. राज्य सरकार का दावा है कि एक-दो घटनाओं को छोड़ कर राज्य में शांतिपूर्ण तरीके से सभी पार्टियों के उम्मीदवार नामांकन जमा कर रहे हैं.
लेकिन राज्य चुनाव आयुक्त भी सरकार के इस दावे से सहमत नहीं है. सूत्रों के अनुसार उन्होंने भी केंद्रीय सुरक्षा बल की मौजूदगी में ही पंचायत चुनाव कराने की मांग का समर्थन किया है. सूत्रों के अनुसार, राज्य चुनाव आयुक्त अमरेंद्र नाथ सिंह ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को बताया कि राज्य में मई के पहले हफ्ते में होनेवाले पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात करने की जरूरत है.
इस बारे में चुनाव आयोग राज्य सरकार को भी अपनी राय से अवगत करायेगा. श्री सिंह ने राज्यपाल को बताया कि सभी जिलों के एसडीओ, बीडीओ, डीएम व एसपी के साथ हमलोग संपर्क में हैं. पूरी परिस्थिति पर नजरदारी के लिए आयोग के कार्यालय व राज्य सचिवालय नवान्न में कंट्रोल रूम खोला गया है.
चुनाव आयोग के सामने भाजपा का धरना
कोलकाता : पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हो रही हिंसा और नामांकन पत्र जमा करने में बाधा देने से नाराज प्रदेश भाजपा ने बुधवार को राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर धरना दिया. धरना भाजपा के पंचायत प्रभारी मुकुल राय के नेतृत्व मेेें हुआ. मौके पर प्रदेश भाजपा की महासचिव देवश्री चौधरी, राजू बनर्जी, युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष सुनील सोनकर, राजेश यादव और महिला नेता रेणुका शर्मा समेत सैकड़ों भाजपा समर्थक मौजूद थे.
उनका आरोप है कि चुनाव आयोग सिर्फ मौखिक तौर पर सुरक्षा और निष्पक्षता की बात कह रहा है. जमीनी स्तर पर उसका पालन नहीं कर रहा है. इसलिए आये दिन भाजपा कार्यकर्ता व नेता तृणमूल कांग्रेस समर्थित अपराधियों के शिकार हो रहे हैं.
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव से पहले राज्य में हो रही हिंसा के खिलाफ सोमवार और मंगलवार को भाजपा का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात कर सुरक्षा की गुहार लगायी थी.
कांग्रेस और वामदलों ने भी राज्यपाल से मिलकर सुरक्षा की मांग की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल ने मंगलवार को राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव के साथ राज्य चुनाव आयोग के कमिश्नर एके सिंह को भी तलब किया था. राज्यपाल के पास जाकर राज्य चुनाव आयोग के कमिश्नर ने अपना पक्ष रखा.
इधर, पूर्व घोषणा के तहत भाजपा ने अपना धरना दिया. धरना को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस हिंसा का सहारा लेकर विरोधी शून्य पंचायत बनाना चाहती है. इसे भाजपा किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देगी.
कोलकाता. पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल को केंद्र कर विभिन्न जिलों में हिंसा की घटनाएं शुरू हो गयी हैं. वामपंथी दलों के कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्र फाड़ दिये गये.
वहीं, कई जिलों में बीडीओ ऑफिस के पास जैसे घेराबंदी की गयी है, ताकि विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन पत्र जमा करने से रोका जा सके. ऐसे हालत उत्पन्न किये जा रहे हैं जैसे कि चुनाव होने ही नहीं दिया जाये. यह आरोप राज्य में वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बसु ने लगाया है.
बुधवार को विमान बसु के नेतृत्व में वाममोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिला. मुलाकात के बाद संवाददाताओं से मुखातिब हुए विमान बसु ने कहा कि नामांकन पत्र जमा करने को केंद्र कर जारी हिंसा चिंताजनक है. राज्य में हुए गत पंचायत चुनाव में ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई जैसा की अभी है. हालात ऐसे हैं कि विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र जमा करने से रोका जा रहा है.
आरोप के अनुसार राज्य में लोगों के मताधिकार व संवैधानिक अधिकार का हनन करने की कोशिश की जा रही है. राज्य सरकार और प्रशासन की भूमिका उदासीन है, दूसरी ओर से राज्य चुनाव आयोग भी खामोश है. पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती हो या नहीं, इस प्रश्न पर वामपंथी नेता ने कहा कि यह देखना जरूरी है कि पंचायत चुनाव के लिए क्या राज्य में पुलिसकर्मियों की पर्याप्त संख्या है? पंचायत चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए जरूरत पड़ी, तो केंद्रीय सुरक्षा बल की तैनाती होनी चाहिए.
बसु ने कहा कि पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किये जाने को केंद्र कर विभिन्न जिलों में होनेवाली हिंसा की घटनाओं को लेकर राज्यपाल से बातचीत की गयी. साथ ही वामपंथी दलों की ओर से राज्यपाल से इस बारे में हस्तक्षेप की मांग की गयी है.

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