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कोलकाता : राजस्थान दिवस पर होगा विशिष्ट जनों का अभिनंदन
सीताराम शर्मा : मिरोंडा ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन, सीताराम शर्मा कोलकाता में देश के पूर्वी क्षेत्र के लिए बेलारुस के ऑनररी कौंसल भी हैं. भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स के वर्तमान अध्यक्ष श्री शर्मा कई संगठनों के महत्वपूर्ण पदों पर भी हैं. इंडियन फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशंस, नयी दिल्ली के वाइस प्रेसिडेंट तथा वेस्ट […]
सीताराम शर्मा : मिरोंडा ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन, सीताराम शर्मा कोलकाता में देश के पूर्वी क्षेत्र के लिए बेलारुस के ऑनररी कौंसल भी हैं. भारत चेंबर ऑफ कॉमर्स के वर्तमान अध्यक्ष श्री शर्मा कई संगठनों के महत्वपूर्ण पदों पर भी हैं.
इंडियन फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशंस, नयी दिल्ली के वाइस प्रेसिडेंट तथा वेस्ट बंगाल फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशंस, कोलकाता के चेयरमैन सहित अन्य संगठनों के जरिए सामाजिक कुरीतियों को दूर करने की दिशा में उन्होंने कई कार्य किये हैं. स्लो लर्नर्स के स्कूल, किशलय के वह अध्यक्ष भी हैं. चाहे पर्यावरण हो या फिर समाज के पिछड़ों का विकास. श्री शर्मा मूलत: हरियाणा के निवासी होते हुए भी राजस्थानी समाज के विभिन्न संस्थाओं से जुड़े हुए हैं और राजस्थानी समाज को और मजबूत बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं.
प्रह्लाद राय अग्रवाल : होजियरी की अग्रणी कंपनी रूपा एंड कंपनी लि. के चेयरमैन प्रह्लाद राय अग्रवाल ने कर्मक्षेत्र में नये आयाम स्थापित किया है. समाजसेवा में भी वह बेजोड़ हैं. श्री अग्रवाल का मानना है कि कर्म के जरिए राष्ट्र निर्माण के अलावा उन लोगों पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए जो पिछड़े हैं. सही मायनों में विकास तभी हो सकता है.
श्री अग्रवाल ने वृहत्तर कोलकाता में सैकड़ों प्याऊ स्थापित किये हैं. कहते हैं प्यासों को पानी पिलाना सबसे बड़ा धर्म है. श्री अग्रवाल का इसमें पूरा यकीन है. वह कई संगठनों के महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं. इसके अलावा वह वर्ष 2014 से रिपब्लिक ऑफ कोलंबिया के कोलकाता में ऑनररी कौंसल हैं.
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महेंद्र कुमार जालान : केवेंटर ग्रुप के चेयरमैन महेंद्र कुमार जालान की दृष्टि में कर्म और राष्ट्र निर्माण, एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. कर्मक्षेत्र में सफलता के जरिये वह रोजगार सृजन और समग्र विकास पर जोर देते हैं, वहीं पिछड़े और जरूरतमंदों के लिए कार्य के द्वारा वह समूचे समाज के विकास की भी वकालत करते हैं.
लंबे अरसे तक वह आयरलैंड के महानगर में ऑनररी कौंसल रहे. इस दौरान उन्होंने आयरलैंड और भारत के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाये. श्री जालान मानते हैं कि कर्म के जरिए ही विकास संभव हो सकता है. अपनी सोच के तहत फुटपाथ के 50 से अधिक दुकानदारों की रोजी-रोटी बचाने के लिए मॉडल स्टॉल बनाकर दिये.
देव कुमार सराफ : महानगर ही नहीं देशभर में चिकित्सा के अपने विशिष्ट मॉडल के लिए विख्यात देव कुमार सराफ आनंदलोक अस्पताल के मैनेजिंग ट्रस्टी और मुख्य आधार स्तंभ हैं.
आधुनिक चिकित्सा के बढ़ते खर्च की तमाम अवधारणाओं पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए वह बेहद वाजिब कीमत पर आधुनिक चिकित्सा मुहैया कराने के लिए जाने जाते हैं. समाजसेवा के अपने मिशन पर वह केवल उचित खर्च पर चिकित्सा मुहैया कराने तक ही रुके नहीं हैं, बल्कि जरूरतमंद परिवार की लड़कियों की शादी कराना, गरीबों के लिए मकान मुहैया कराना, पुराने मंदिरों व मस्जिदों का जीर्णोद्धार कराना, उनकी समाजसेवा के अभिन्न अंग हैं.
रतन शाह : कहा जाता है कि ज्ञान की निर्मल धारा से विकास की फसल को सींचा जा सकता है. श्री शाह ऐसे ही एक ज्ञान पुरुष हैं. राजस्थानी और हिंदी साहित्य में अपनी ज्ञान की गंगा प्रवाहित करनेवाले श्री शाह साहित्य जगत में एक अत्यंत विशिष्ट नाम है.
राजस्थानी प्रचारिणी सभा के संस्थापक अध्यक्ष श्री शाह ने ज्ञान भारती विद्यापीठ, पश्चिम बंग हिंदीभाषी समाज, भारतीय भाषा परिषद जैसे शिक्षा व साहित्य जगत से जुड़े कई संस्थानों के महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा और मार्गदर्शन दिया है. उनका मानना है कि साहित्य के द्वारा सही मायनों में व्यक्ति विकास और फिर उसके द्वारा समग्र विकास संभव है. उन्होंने कई पुस्तकों का लेखन, संपादन आदि किया है. राजस्थानी भाषा के मान्यता की दिशा में उन्होंने कई कार्य किये हैं.
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