शिक्षा मंंत्री ने कलकत्ता विवि के सिंडिकेट से आग्रह किया, कहा
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सीयू में पुराने नियम ही लागू हों
शिक्षा मंंत्री ने कलकत्ता विवि के सिंडिकेट से आग्रह किया, कहा आज सीयू के सिंडिकेट की बैठक कोई भी निर्णय के पहले शिक्षकों व छात्रों से हो परामर्श कोलकाता : राज्य के शिक्षा मंंत्री पार्थ चटर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के सिंडिकेट से आग्रह किया है कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुराने […]
आज सीयू के सिंडिकेट की बैठक
कोई भी निर्णय के पहले शिक्षकों व छात्रों से हो परामर्श
कोलकाता : राज्य के शिक्षा मंंत्री पार्थ चटर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय के सिंडिकेट से आग्रह किया है कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुराने नियम ही लागू किये जायें. हालांकि विरोधी दल ने श्री चटर्जी के अनुरोध की आलोचना की है. कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर के छात्रों का परीक्षा परिणाम खराब होने के बाद छात्रों ने लगातार प्रदर्शन किया था. मंगलवार को दोपहर दो बजे कलकत्ता विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक की. श्री चटर्जी ने कहा कि पुराने नियम इस वर्ष के लिए चालू रखे जायें. इस बाबत उन्होंने सीयू को प्रस्ताव दिया है. सीयू ने खुद अपना नियम चालू किया था.
इस कारण सरकार ने इसे लेकर कुछ भी नहीं किया. आम लोगों का मत है कि नियम बदल के कारण ही परीक्षा परिणाम खराब हुआ है, लेकिन इसके लिए अन्य कारण भी हैं. छह फरवरी को सिंडिकेट की बैठक है. उन्होंने अनुरोध किया है कि पुराने नियम ही रहें. वह आशा कर रहे हैं कि सिंडिकेट कार्रवाई करेगा. खास कर जिन छात्रों का आनर्स है, उनका भविष्य खराब नहीं हो. हालांकि इस बाबत कोई भी निर्णय सिंडिकेट ही लेगा. सीयू को छात्रों को और भी सतर्क करना चाहिए था. इसके साथ ही वह छात्रों से भी कह रहे हैं कि वे पठन-पाठन पर ध्यान दें, ताकि ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो.
विपक्ष ने की आलोचना
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने शिक्षा मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अनार्स की पढ़ाई या अन्य किसी विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए छात्रों के लिए यह जरूरी नहीं है कि वे पढ़ाई करें, वरन आंदोलन करने से भी परीक्षा में पास हुआ जा सकता है. उन्होंने कहा कि पहले कलकत्ता विश्वविद्यालय का एक सुनाम था, लेकिन आज यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है. यदि कुछ छात्रों के आंदोलन के मद्देनजर कलकत्ता विश्वविद्यालय में यह नियम लागू किया गया,तो इसका प्रभाव राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में भी पड़ेगा.
माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि सीयू के अानर्स के 58 फीसदी छात्र असफल हो गये. इसके लिए विश्वविद्यालय के नये नियम जिम्मेदार है, लेकिन शिक्षा मंत्री का बयान विरोधाभास पूर्ण प्रतीत हो रहा है. छात्रों का प्रदर्शन स्वत: था तथा यह गैर जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ था. राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण ही ऐसा परीक्षा परिणाण आया. कोई भी कदम उठाने के पहले सीयू के शिक्षक व छात्रों से परामर्श किया जाना चाहिए.
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