मकर संक्रांति पर इस बार 20 लाख से अधिक जुटेंगे तीर्थयात्री, सीएम और मंत्री खुद कर रहे मॉनीटरिंग
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गंगासागर मेले में श्रद्धालुओं के लिए हाइटेक व्यवस्था
मकर संक्रांति पर इस बार 20 लाख से अधिक जुटेंगे तीर्थयात्री, सीएम और मंत्री खुद कर रहे मॉनीटरिंग कोलकाता : सारे तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार. अब गंगासागर बार-बार के साथ गंगासागर मेला पूरी तरह से हाइटेक हो गया है. गंगासागर मेले के आयोजन और सुरक्षा में बंगाल पुलिस, आपदा प्रबंधन की टीम के साथ-साथ […]
कोलकाता : सारे तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार. अब गंगासागर बार-बार के साथ गंगासागर मेला पूरी तरह से हाइटेक हो गया है. गंगासागर मेले के आयोजन और सुरक्षा में बंगाल पुलिस, आपदा प्रबंधन की टीम के साथ-साथ पहली बार सेना, नौ सेना, एनडीआरएफ तथा तटरक्षकों के जवानों को भी शामिल किया गया है.
कोलकाता में बाबूघाट से लेकर गंगासागर मेला प्रागंण तक हाइटेक सुरक्षा तकनीक सीसीटीवी, ड्रोन, हॉवर क्राफ्ट, वाच टावर, एटीवी बाइक,मेगा कंट्रोल रूम के साथ-साथ सूचना के त्वरित प्रसार के लिए ऑप्टिकल फाइबर युक्त मोबाइल टॉवर लगाये गये हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य मंत्रिमंडल के छह वरिष्ठ मंत्री पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, आपदा प्रबंधन मामलों के मंत्री जावेद खान, सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी व आपदा प्रबंधन मामलों के प्रधान सचिव एस सुरेश कुमार सहित अन्य मंत्री व सचिव लगातार मेले की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री खुद दिसंबर के अंतिम सप्ताह में दो दिनों तक गंगासागर में रहकर तैयारियों की समीक्षा की थी. विभिन्न विभागों के मंत्री व सचिव लगातार गंगासागर का दौरा कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल सरकार ने पहली बार इसरो के आपदा प्रबंधन व जलवायु परिवर्तन मामलों के विशेषज्ञ कर्नल संजय श्रीवास्तव को गंगासागर मेले में आपदा एवं भीड़ प्रबंधन के विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया है. कर्नल श्रीवास्तव ने मेले की तैयारी, भीड़ नियंत्रण व आयोजन को लेकर ब्लू प्रिंट बनायी और उसे सरकार को सौंपा. उसी ब्लू प्रिंट के मद्देेनजर दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी वाई रत्नाकर राव धरातल स्तर पर क्रियान्वित कर रहे हैं.
600 सीसीटीवी कैमरे और 20 ड्रोन से नजरदारी
इसरो के आपदा प्रबंधन व जलवायु परिवर्तन मामलों के विशेषज्ञ कर्नल संजय श्रीवास्तव का कहना है कि पहली बार गंगासागर मेले के मार्ग पर महानगर के बाबूघाट से सागर द्वीप के बीच 600 सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है. सागर द्वीप पर तीर्थयात्रियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बड़े नियंत्रण कक्ष तीर्थ साथी की स्थापना की गयी है. इसके साथ ही एक नियंत्रण कक्ष नबान्न में भी स्थापित किया गया है. इनमें से बाबूघाट और लॉट नंबर 8 ट्राजिट प्वाइंट के बीच करीब 100 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं.
कचुबेड़िया में 100 कैमरे, नामखाना और चेमागुड़ी में 50-50 कैमरे और कपिल मुनि मंदिर और कंजस्टेड बफर जोन सहित समुद्री तट पर 150 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. पहली बार तीर्थयात्री लॉट नंबर 8 से कचूबेड़िया पहुंचने वाले वोट में भी कैमरे लगाये गये हैं. इसके अतिरिक्त 20 ड्रोन लगातार मेला प्रांगण व यात्रा मार्ग से लाइव फीड देता रहेगा. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग मेला ग्राउंड से लाइव फीड प्राप्त करेगा. रास्ते में विभिन्न स्टॉप प्वाइंट बनाये गये हैं. लाइव फीड के आधार पर यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित किया जायेगा.
लॉट नंबर आठ पर यात्रियों का दवाब होगा कम
अभी तक गंगासागर के तीर्थयात्री बाबूघाट से लॉट नंबर आठ जाते हैं. फिर लॉट नंबर आठ से वेसल से मूड़ी गंगा पार कर कचुबेड़िया पहुंचते हैं. वहां से अन्य वाहन से फिर गंगासागर मेला प्रांगण जाते हैं. दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी वाई रत्नाकर राव बताते हैं कि इस वर्ष लॉट नंबर आठ पर यात्रियों के दवाब को कम किया जायेगा. लगभग 30 फीसदी यात्रियों को नामखाना रूट से गंगासागर जाने की व्यवस्था की जायेगी. बाबूघाट से खुलने वाले चार्टेड बसें नामखाना तक जायेंगी और वहीं से यात्रियों की गंगासागर जाने की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही वेसल की संख्या में काफी बढ़ायी गयी है.
उन्होंने बताया कि चंकि इस वर्ष कुंभ नहीं है. इस कारण गंगासागर मेले में लगभग 20 लाख तीर्थयात्रियों के जुटने की संभावना है, लेकिन उन लोगों ने लगभग 26 लाख यात्रियों की तैयारी कर रखी है. उन्होंने कहा कि यह विशेष ध्यान रखा जायेगा कि एक साथ लॉट नंबर आठ पर यात्रियों का दवाब नहीं बन पाये. जेटियों की संख्या भी बढ़ायी गयी है. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष लॉट नंबर आठ में एक साथ बड़ी संख्या में यात्रियों के इकट्ठा होने के बाद भगदड़ मच गयी थी. इसमें कुछ तीर्थयात्रियों की मौत भी हो गयी थी.
जगह-जगह लगाये गये हैं टीवी स्क्रीन
वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मेला परिसर में जगह-जगह टीवी स्क्रीन लगाये गये हैं. लगभग 60 टीवी स्क्रीन लगाये गये हैं. इन टीवी स्क्रीनों के माध्यम से सूचनाओं की लाइव जानकारी प्रसारित की जाती रहेगी. संचार में कोई व्यवधान नहीं हो. इसके मद्देनजर बीएसएनएल के ऑप्टिव फाइबर बिछाये गये हैं. 16 मोबाइल टॉबर लगाये गये हैं. इसके अतिरिक्त एयरटेल के चार तथा जियो के पांच मोबाइल टॉवर लगाये गये हैं.
मेला परिसर में भोजपुरी में भी होगी घोषणा
श्री राव बताते हैं कि मेला में अधिकतर तीर्थयात्री उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड के होते हैं. इस दौरान कुछ लोग अपने परिजनों से बिछड़ भी जाते हैं. बिछड़ों को मिलाने के लिए मेला परिसर में लॉस्ट फाउंड इंफार्मेशन टॉवर की व्यवस्था की गयी है, जहां से हिंदी एवं बांग्ला के साथ-साथ इस वर्ष से भोजपुरी में भी घोषणा की जायेगी. साथ ही जरूरत पड़ने पर ओड़िया समेत अन्य भाषाओं में भी घोषणा की जायेगी.
सेना के जवान के साथ तैनात किये गये हैं तीन पोत
सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय नौसेना गंगासागर मेले तटरक्षक बल के जहाजों के साथ सागर द्वीप क्षेत्र में अपने तीन पोत तैनात किये हैं. बंगाल क्षेत्र के नेवल ऑफिसर इन कमान कमांडर सुप्रभो के दे ने बताया कि समुद्र की ओर से इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. श्री दे ने बताया कि विशाखापत्तनम से दो से तीन जहाजों लाया गया है और उन्हें सागर द्वीप के क्षेत्र में बंगाल की खाड़ी में तैनात किया गया है. वहीं सेना के जवान हल्दिया से गंगासागर तक ओवर क्राफ्ट से निगरानी करेंगे. मेला परिसर में सेना के जवानों की तैनाती की गयी है.
पुण्य स्नान का मुहूर्त
कपिलमुनि मंदिर के महंत ज्ञानदास महाराज ने बताया कि इस बार पुण्य स्नान का पुण्य मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक है. इस साल गंगासागर में पहले की तुलना में अधिक लोगों को अाने की उम्मीद है, क्योंकि इस साल कुंभ नहीं है. इस कारण ज्यादा तीर्थयात्रियों के गंगासागर पहुंचने की उम्मीद है. इस वर्ष लगभग 20 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है.
मोक्षस्थली है गंगासागर
हिंदू धर्मग्रंथों में गंगासागर की चर्चा मोक्षधाम के तौर पर की गयी है, जहां मकर संक्रांति के मौके पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु मोक्ष की कामना लेकर आते हैं और सागर-संगम में पुण्य डुबकी लगाते हैं. मान्यता है कि यहां मकर संक्रांति पर पुण्य-स्नान करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है. गंंगासागर में कपिल मुनि का मंदिर है, जिन्होंने भगवान राम के पूर्वज और इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार किया था.
15 जनवरी को सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक है मेले में पवित्र स्नान का मुहूर्त
600 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, हाइटेक कंट्रोल रूम से नजर रखी जा रही है
20 ड्रोन तैनात हैं सागर द्वीप पर तीर्थयात्रियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए
60 टीवी स्क्रीन लगाये गये हैं. मेला परिसर में इनसे सूचनाओं की लाइव जानकारी मिलेगी
16 मोबाइल टॉबर लगाये गये हैं. एयरटेल के चार व जियो के पांच मोबाइल टॉवर लगे हैं
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