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गंदे कपड़ों व फटी बोरियों में छिपे जूतों की चमक ने पहुंचाया जेल
विकास गुप्ता कोलकाता : उम्र के साथ कंधों पर बढ़नेवालीं जिम्मेदारियों का बोझ इंसान को कभी इतना मजबूर बना देती है कि कई बार अनजाने में वह गलती के रास्ते पर चलने को मजबूर हो जाता है. न्यू अलीपुर इलाके में एक प्राइवेट कंपनी में काम करनेवाला शशिकांत भगत भी कुछ इसी तरह की हालात […]
विकास गुप्ता
कोलकाता : उम्र के साथ कंधों पर बढ़नेवालीं जिम्मेदारियों का बोझ इंसान को कभी इतना मजबूर बना देती है कि कई बार अनजाने में वह गलती के रास्ते पर चलने को मजबूर हो जाता है. न्यू अलीपुर इलाके में एक प्राइवेट कंपनी में काम करनेवाला शशिकांत भगत भी कुछ इसी तरह की हालात का शिकार बना. रुपये की किल्लत दूर करने के लिए उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर एक एेसा अपराध किया, जो उसे सीधे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
अपना गुनाह छिपाने के लिए उसने एक टीवी सीरियल में दिखाये गये तरीके का भी सहारा लिया. लेकिन पुलिस की वह कहावत कि ”चोर चोरी करने के बाद एक सुराग जरूर छोड़ देता है”, एक बार फिर से सच साबित हुई और इसी सुराग को सहारा बनाकर पुलिस एक बार फिर आरोपी तक पहुंच गयी.
क्या है मामला
गत वर्ष अक्तूबर महीने में एक निजी कंपनी की तरफ से न्यू अलीपुर थाना में एक शिकायत दर्ज हुई. कंपनी के लॉकर से 7.50 लाख रुपये चोरी होने की जानकारी दी गयी थी.
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस शिवतल्ला रोड स्थित उक्त कंपनी में जांच के लिए पहुंची तो पता चला कि कंपनी के मुख्य दरवाजे व लॉकर के ताले की नकली चाबी बनाकर चोरों के गिरोह ने चोरी की. इसके बाद आसपास के लोगों से पूछताछ की गयी. किसी के बयान से कोई सुराग नहीं मिला. इस तरह की चोरी की घटना में इसके पहले गिरफ्तार हो चुके बदमाशों से भी इस बारे में पूछताछ की गयी, लेकिन पुलिस के हाथ खाली थे. अब पुलिस ने अासपास के इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे व दफ्तर के सीसीटीवी कैमरे की तस्वीर को खंघालना शुरू किया.
चोरी के रुपये भी मिले और पार्टनर भी
शशिकांत ने बताया कि उसे रुपयों की काफी किल्लत थी. मोटी रकम मिलने से उसकी परेशानियां दूर हो जातीं. इसके कारण वह रुपये का जुगाड़ करने लगा. जिस कंपनी में वह काम करता था, वहां मोटी रकम की लेन-देन होती रहती थी. उसने अपने एक साथी दिग्विजय गुप्ता को अपने साथ मिलाया और कंपनी में चोरी की साजिश रची. प्रमुख गेट व लॉकर की उसने नकली चाबी बना ली.
गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने टीवी सीरियल में दिखायी गयी तरकीब का सहारा लिया. अपना सिर और कपड़े को फटी सफेद बोरियों से ढककर चोरी करने दफ्तर में घुसा. कैस बॉक्स में मौजूद 7.50 लाख रुपये चुरा लिये. लेकिन वह अपना जूता बदलना भूल गया. इसी सुराग को आधार बनाकर पुलिस उस तक पहुंच गयी. इस घटना में शामिल शशिकांत के पार्टनर दिग्विजय गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों से पूछताछ के बाद शशिकांत के घर से सात लाख रुपये बरामद कर लिये गये.
कैमरे में कैद तस्वीर ने दिया सुराग
दफ्तर में लगे सीसीटीवी में एक व्यक्ति सफेद बोरी बदन में लपेटे हुए दिखा. नकली चाबी से वह दफ्तर का दरवाजा खोलकर अंदर घुसा था. चेहरा व बोरी से कपड़े ढके होने के कारण उसे पहचानने में पुलिस को काफी कठिनाई हो रही थी. आसपास के थानों में इस तस्वीर को भेजकर पुलिस ने सभी को अलर्ट कर दिया. इधर दफ्तर के अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की गयी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. इसी बीच दफ्तर के कुछ कर्मियों ने भी सीसीटीवी फुटेज देखा.
तस्वीर दिखा व्यक्ति जाना पहचाना लग रहा था. तभी व्यक्ति के पैरों में चमचमाते जूतों पर एक कर्मचारी की नजर पड़ी. इसी तरह का जूता एक कर्मचारी शशिकांत पहनता था. चोरी की घटना के बाद भी वह इस जूते को पहनकर दफ्तर आ रहा था. लिहाजा यह जानकारी तुरंत पुलिस तक पहुंची. जिसके बाद संदेह के आधार पर शशिकांत से पूछताछ शुरू हुई और उसने चोरी की बात स्वीकार कर ली. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
लालबाजार के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि जिंदगी के इस लंबे सफर में इंसान को एक ना एक दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसका मतलब यह नहीं कि विवश होकर वह अपराध का रास्ता चुन ले.
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