तृणमूल पर राजनीतिक लाभ के लिए सीमा पार से घुसपैठ की अनुमति देने का आरोप लगाया
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एनआरसी पर ममता का बयान संविधान, न्यायालय का अपमान
तृणमूल पर राजनीतिक लाभ के लिए सीमा पार से घुसपैठ की अनुमति देने का आरोप लगाया कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विषय पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की शुक्रवार को आलोचना करते हुए कहा कि यह संविधान एवं उच्चतम न्यायालय […]
कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विषय पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की शुक्रवार को आलोचना करते हुए कहा कि यह संविधान एवं उच्चतम न्यायालय का अपमान है.
विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि ममता का बयान उनके कुटिल राजनीतिक इरादों का हिस्सा है.
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर केवल राजनीतिक लाभ के लिए बंगाल में सीमा पार से घुसपैठ की अनुमति देने का भी आरोप लगाया.
विजयवर्गीय ने एक बयान में कहा, सभी हितधारकों, समुदायों, राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ विचार विमर्श के बाद असम में एनआरसी को क्रियानवन्न किया जा रहा है. इस तरह की टिप्पणी न सिर्फ संविधान और उच्चतम न्यायालय का अपमान है, बल्कि यह हमारे देश की संघीय संरचना की भावना के भी खिलाफ हैं.
ममता ने गुरुवार को अहमदपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार पर एनआरसी के प्रथम मसौदे में बंगालियों के नाम हटाकर उन्हें असम से बाहर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
असम में अवैध प्रवास पर रोक लगाने के लिए मूल निवासियों की पहचान करने के वास्ते उच्चतम न्यायालय की निगरानी में 1951 के एनआरसी को अध्यन किया जा रहा है. पहला मसौदा 31 दिसंबर की रात को प्रकाशित हुआ. विजयवर्गीय ने नरेंद्र मोदी सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ ममता के लगातार विरोध का जिक्र करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अन्य राज्यों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की अपील किया.
उन्होंने कहा, असम सरकार अपने नागरिकों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है. ममता बनर्जी को अपने राज्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हर मामले पर राजनीति करना बंद करना चाहिए. असम पुलिस ने एनआरसी से संबंधित टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कल प्राथमिकी दर्ज की थी. ममता ने आरोप लगाया था कि असम में एनआरसी को अध्यन किए जाने के साथ वहां से बंगालियों को बाहर निकालने के लिए केंद्र सरकार साजिश रच रही है. प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किया. पार्टी ने कहा कि ऐसी कोई कार्यवाई उन्हें बंगालियों के हितों की लडाई लडने से नहीं रोकेगी, जबकि भाजपा ने ममता पर राजनीतिक फायदे के लिए इस विषय को एक मुद्दा बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. असम की भाजपा सरकार ने ममता के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह अपमानजनक, असम के लोगों का अपमान और संविधान एवं उच्चतम न्यायालय की भावना के खिलाफ है.
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