सागरद्वीप : गंगासागर के तट पर महामृत्युंजय मंत्र गूंजने लगा है. अपने व पूर्वजों की मोक्ष कामना से गंगासागर पहुंचे तीर्थयात्रियों को पुरोहित सागर तट पर शिवलिंग की पूजा और संकल्प करा करा रहे हैं. गंगासागर मेला शुरू होने में लगभग एक सप्ताह बाकी है लेकिन वहां साधु, संतों और तीर्थयात्रियों का जत्था पहुंचने लगा […]
सागरद्वीप : गंगासागर के तट पर महामृत्युंजय मंत्र गूंजने लगा है. अपने व पूर्वजों की मोक्ष कामना से गंगासागर पहुंचे तीर्थयात्रियों को पुरोहित सागर तट पर शिवलिंग की पूजा और संकल्प करा करा रहे हैं. गंगासागर मेला शुरू होने में लगभग एक सप्ताह बाकी है लेकिन वहां साधु, संतों और तीर्थयात्रियों का जत्था पहुंचने लगा है.
हिंदू धर्मग्रंथों में गंगासागर की चर्चा मोक्षधाम के तौर पर की गयी है, जहां मकर संक्रांति के मौके पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु मोक्ष की कामना लेकर आते हैं और सागर-संगम में पुण्य डुबकी लगाते हैं. मान्यता है कि यहां मकर संक्रांति पर पुण्य-स्नान करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है. गंंगासागर में कपिल मुनि का मंदिर है, जिन्होंने भगवान राम के पूर्वज और इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार किया था.
कपिलमुनि मंदिर के महंत ज्ञानदास महाराज के उत्तराधिकारी महंत संजय दास का कहना है कि इस साल गंगासागर में पहले की तुलना में अधिक लोगों को अाने की उम्मीद है, क्योंकि इस साल कुंभ नहीं है. इस कारण ज्यादा तीर्थयात्रियों के गंगासागर पहुंचने की उम्मीद है. इस वर्ष लगभग 20 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है.
उन्होंने बताया कि इस बार पुण्य स्नान का पुण्य मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ने गंगासागर के विकास के लिए काफी काम किये गये हैं. मंदिर परिसर के आसपास निर्माण भी किया गया है तथा प्रशासन की तैयारी भी अच्छी है. गंगासागर स्नान का महत्व सभी तीर्थों में सबसे अधिक है. इस कारण ही देश-विदेश सेे लोग गंगासागर आते हैं. दूसरी ओर, मेले में भीड़ की संभावना को देखते हुए पुलिस व प्रशासन ने पूरी तैयारी की है. कचुबेरिया बस स्टैंड से दो किलोमीटर दूर से अस्थायी स्टैंड का निर्माण किया गया है, जहां सागर से आनेवाली गाड़ियों की पार्किंग की जायेगी.
इसके अलावा तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर एलइडी टीवी भी लगाया गया है. उल्लेखनीय है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी गंगासागर पहुंची थीं और गंगासागर मेला की तैयारी की समीक्षा की थी. उन्होंने गंगासागर के तीर्थयात्रियों के लिए पांच लाख रुपये बीमा की सुविधा देने की घोषणा की थी.