कोलकाता/बोलपुर : बोलपुर थाने की पुलिस ने शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस ने अपनी शिकायत में कहा है कि महिला आयोग के प्रतिनिधिदल की प्रमुख सुषमा साहू ने जांच अधिकारी से केस डायरी छीन ली है. जिसे उन्होंने वापस नहीं किया है. इसके अलावा […]
कोलकाता/बोलपुर : बोलपुर थाने की पुलिस ने शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस ने अपनी शिकायत में कहा है कि महिला आयोग के प्रतिनिधिदल की प्रमुख सुषमा साहू ने जांच अधिकारी से केस डायरी छीन ली है. जिसे उन्होंने वापस नहीं किया है. इसके अलावा उन्होंने पुलिस की वर्दी का अपमान किया है.
साथ ही सरकारी ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी को धमकाने का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने कुल चार अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया है.
इस बीच, वीरभूम में युवती के साथ बलात्कार और उसकी मौत की जांच कर वापस लौटते समय राष्ट्रीय महिला आयोग के प्रतिनिधिदल के काफिले को कुछ लोगों द्वारा रोकने की घटना पर भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने कड़ा एतराज जताया है.
इस घटना पर प्रतिक्रिया जानने के लिए जब सुषमा साहू से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने उन पर एफआइआर किया है उनको यह पता नहीं कि संवैधानिक पद क्या होता है. मैं दिल्ली जाकर उनको पत्र लिख कर बताऊंगी कि आखिर वह क्या कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि बंगाल में महिलाओं की हैसियत क्या है.
क्या है मामला: बोलपुर थाना क्षेत्र के रजतपुर ग्राम की रहने वाली युवती के साथ 12 दिसंबर को हैवानियत की गयी थी. उसी रात उसने खुद को आग लगा ली थी.
राष्ट्रीय महिला आयोग…
गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रविवार की रात उसकी मौत हो गयी थी. रजतपुर के गीतांजलि आवासीय परियोजना में युवती का मकान बन रहा था. मुर्शिदाबाद जिले का रहने वाला हफीजुल नामक एक युवक वहां राज मिस्त्री का काम कर रहा था. एक दिन युवती जब अर्द्धनिर्मित अपने घर में नहा रही थी, तभी हफीजुल ने चोरी-छुपे मोबाइल से उसकी कुछ तस्वीरें खींच ली थी. उसके बाद से उसे ब्लैकमेल करने लगा था. उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया था.
बोलपुर थाना प्रभारी को लगायी थी फटकार
गौरतलब है कि शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने वीरभूम में हैवानियत की बलि चढ़ी युवती के परिजनों से मुलाकात की और मामले में लापरवाही बरतने को लेकर बोलपुर थाने के प्रभारी को फटकार लगायी थी. आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने बोलपुर थाने के प्रभारी को फटकार लगाते हुए कहा ‘आपको ये वर्दी लोगों की रक्षा करने के लिए दी गयी है. इस मामले में आपने अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं किया है.
ये वर्दी उतार कर फेंक दीजिए. आप यह वर्दी पहनने के योग्य नहीं है.’ परिजनों का आरोप है कि शुरू में बोलपुर थाने की पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. उन्हें अपनी बच्ची की जान बचाने के लिए दौड़ भाग करनी पड़ी और बच्ची भी अस्पताल में चार घंटे तक बिना इलाज के पड़ी रही. पुलिस ने उसका बयान तक नहीं रिकार्ड किया. पुलिस की लापरवाही से आरोपी को वहां से भागने का पूरा मौका मिल गया.