आद्रा/बांकुड़ा. पहले राजस्थान और अब केरल में बंगाल निवासी श्रमिक की मौत की घटना को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने काफी गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि दूसरे राज्यों में बंगाल के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. वहां बंगाल के निवासी आतंक के माहौल में काम कर रहे हैं, जबकि बंगाल में सभी राज्यों के लोग परिवार की तरह रहते हैं.
उन्होंने कहा कि अन्य राज्य सरकारों को भी इसे गंभीरता से लेना चाहिए. उन्होंने दूसरे राज्यों में कार्यरत बंगाल के निवासियों से आग्रह किया कि जरूरत पड़ने पर वे वापस लौट आयें. बंगाल में आने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए वर्ष में 200 दिन रोजगार की गारंटी की जायेगी. पहले ही जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिये गये हैं कि वे दूसरे राज्यों से बंगाल लौटने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम 100 दिन का काम करने की गारंटी दें.
पुरुलिया और बांकुड़ा में मुख्यमंत्री ने भाजपा पर करारा हमला करते हुए कहा कि राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में भगवा पार्टी का शासन है. मुसलमान केवल हमले का सामना करने वाले नहीं हैं. मुसलमानों के साथ-साथ ईसाई, दलित और आदिवासी लोगों को भी सांप्रदायिक ताकतें लक्ष्य बना रही हैं.
लेकिन ऐसी घटनाएं यहां नहीं होती हैं और हर कोई बंगाल में सुरिक्षत है
उन्होंने कहा कि बंगाल के मजदूरों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मालदा के निर्माण श्रमिक 49 वर्षीय अफराज़ुल खान की मौत का भी उन्होंने जिक्र किया. उन्होंने कहा: जो लोग कहीं और काम करने के लिए चले गये हैं और डर लग रहा हैं, वापस आने पर उनका स्वागत है. उनके लिए काम की गारंटी सरकार करेगी. मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने पुरुलिया जिले में बहुत विकास कार्य किया है, जहां माओवादियों का वर्चस्व था. शांति जिले में वापस आ गयी है. पुरुलिया और पड़ोसी झारखंड के बीच समानताएं हैं, जो कि आदिवासी लोगों का भी वर्चस्व है, बंगाल का जिला बहुत अधिक विकसित हुआ है.
क्या है मामला
बांकुड़ा जिले के इंदास थाना अंतर्गत रोलग्राम के निवासी हेमंत राय (23) की मौत केरल के अलापुजा जिला के पानाभल्ली में गला कटने से हो गयी. उसके पिता आनंद राय ने इसे हत्या बताया. जबकि पुलिस अधीक्षक सुखेन्दू हीरा ने केरल पुलिस के हवाले से कहा कि उसने आत्महत्या की है. केरल सरकार उसके शव को विमान से बांकुड़ा भेज रही है. गौरतलब है कि इसके पहले मालदा के मूल निवासी ठेका श्रमिक अफराजुल की राजस्थान के राजसमंद जिले में लव जेहाद के नाम पर हत्या कर दी गयी थी. राज्य सरकार ने अफराजुल के परिवार को तीन लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है, जबकि राजस्थान सरकार ने पांच लाख की सहायता दी है.